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बंगाल लोकसभा चुनाव में मोदी नहीं, सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहीं ममता बनर्जी; ये बड़े मुद्दे भी TMC के लिए खतरा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थक भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार ने उनकी सरकार को नुकसान पहुंचाया है।
Written by: शुभजीत रॉय
नई दिल्ली | May 24, 2024 17:35 IST
बंगाल लोकसभा चुनाव में मोदी नहीं  सत्ता विरोधी लहर से जूझ रहीं ममता बनर्जी  ये बड़े मुद्दे भी tmc के लिए खतरा
बंगाल लोकसभा चुनाव। (इमेज- एक्सप्रेस फोटो)
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Lok Sabha Chunav 2024: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में काफी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही है। इस बार टीएमसी को काफी बड़े मुद्दे परेशान कर रहे हैं। इसी बीच, एक किसान जियारुल हक वामपथी के मेनिफेस्टों को पढ़ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम सभी को उद्योग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हावड़ा के पास मेरा बेटा नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए गया था और जैसे ही उन्होंने उसके बायोडेटा में देखा कि वह सिंगूर का रहने वाला है। उन्होंने उसको वहां से जाने के लिए कह दिया। सिंगूर अब हमारे लिए अभिशाप बन गया है।

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इतना ही नहीं, वहां पर आधा किलोमीटर से दूरी पर बैठे एक एक दूसरे किसान रवींद्र सद्र ने हक की बात को फिर से दोहराया और कहा कि अगर वहां पर उद्योग होते तो हमारे बच्चों को नौकरियों के लिए जूझना नहीं पड़ता। पश्चिम बंगाल के हुगली, पश्चिम मेदिनीपुर और बांकुरा जिलों में नौकरियों की कमी ने लोकसभा चुनाव की लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। यहां पर लड़ाई मोदी सरकार के 10 साल के बीच और ममता बनर्जी के 13 साल के शासन के बीच में है। यह एक लोकसभा इलेक्शन है सत्ता का बोझ राज्य की टीएमसी सरकार पर है न कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर है।

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टीएमसी की लक्ष्मी योजना भंडार का फायदा

राज्य में महिलाओं के लिए ममता बनर्जी सरकार की तरफ से लक्ष्मी भंडार योजना चलाई गई है। इसमें 25 साल से ज्यादा की उम्र की महिलाओं को 1000 से 1200 रुपये दिए जाते हैं। इसको महिलाओं के द्वारा भारी समर्थन दिया जा रहा है। मेदिनीपुर के आनंदपुर बॉयज प्राइमरी स्कूल की एक टीचर रुपसा कहती हैं कि पहले महिलाओं को अपने पतियों से पैसे मांगने पड़ते थे, लेकिन योजना के बाद अब वह इसके अपनी मर्जी से खर्च कर सकती हैं। हालांकि, भ्रष्टाचार की छाया टीएमसी सरकार के अंदर मौजूद है।

मिदनापुर के एक कॉलेज में जूलॉजी में बीएससी की स्टूडेंट मोनिका सोरेन राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में लगभग 26,000 शिक्षकों की भर्ती से जुड़े घोटाले की ओर इशारा करती हैं। इस महीने की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने उन शिक्षकों को राहत दी थी, जिनकी नियुक्ति को कलकत्ता हाई कोर्ट ने अप्रैल के महीने में रद्द कर दिया था।

शिक्षक भर्ती घोटाले का मुद्दा

मोनिका ने कहा कि भर्ती में पूरी तरह से निष्पक्षता होनी चाहिए। उन्होंने इसे राज्य के यूथ के लिए एक बड़ा मुद्दा बताया। गांव और शहर में रहने वाले लोगों में यह आम धारणा हैं कि इस घोटाले की वजह से टीएमसी के नेताओं को काफी फायदा हुआ है। कई लोग पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी की तरफ इशारा करते हैं। बांकुरा के सारेंगा में एक कारोबारी रुद्रो गुली ने कहा कि टीएमसी के नेताओं ने अपना विकास किया है। आईआईटी की तैयारी कर रहे 18 साल के मौर्य ने कहा कि रोजगार में बढ़ोतरी हो नहीं रही है और इस तरह के घोटाले काफी परेशान करने वाला हैं। हम अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थक भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार ने उनकी सरकार को नुकसान पहुंचाया है। मेदिनीपुर में तृणमूल के एक स्थानीय नेता ने इस बात को माना कि शिक्षक घोटाले ने ममता पर गहरा दाग लगा दिया है। भारतीय जनता पार्टी को युवाओं की इच्छाओं की बढ़ती खाई को भरने के रूप में देखा जाता है। बांकुरा के सरेंगा में एक कारोबारी रुद्रो गुली ने कहा कि हमारे पास 30 से ज्यादा सालों तक वामपंथी थे और फिर हम टीएमसी की सरकार को लेकर आए। 13 सालों के बाद टीएमसी को वामपंथियों से अलग नहीं देखा जा सकता है। इसलिए हमें बीजेपी की तरह दूसरों को भी आजमाना चाहिए।

बीजेपी के पिछले प्रदर्शन से टीएमसी परेशान

भारतीय जनता पार्टी के 2019 के प्रदर्शन से टीएमसी हिल गई थी। पार्टी ने कई लोकसभा सीटें जीती थी। हालांकि, टीएमसी ने 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के बढ़ते कदमों को रोक दिया। लेकिन पार्टी ने फिर भी 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पार्टी ने अपने वोट प्रतिशत में काफी सुधार किया था। अब कयास यह हैं कि अगर भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनावों में कुछ और सीटें जीतने में कामयाब होती है तो उसे विधानसभा चुनावों में भी काफी फायदा होने की उम्मीद है।

ममता बनर्जी हमेशा से ही जमीनी स्तर पर काफी सक्रिय रही हैं। वह सभी चीजों को सही तरह से समझती हैं। अब इस बात की चिंता देखी जा सकती हैं कि किस तरह राज्य पुलिस का कथित तौर पर बीजेपी के खिलाफ दुगुना इस्तेमाल किया जा रहा है।

इलेक्शन कमीशन ने पश्चिमी मेदिनीपुर के एसपी को हटा दिया है। ममता ने इंडिया अलायंस के लिए अपना रूख नरम कर लिया है। इन्होंने लोकसभा सीटों को शेयर करने से मना कर दिया। हाल ही में, उन्होंने कहा कि उन्होंने विपक्षी अलायंस को बनाने में मदद की। टीएमसी महासचिव तन्मय घोष को उम्मीद है कि टीएमसी की योजनाएं लोगों को काफी फायदा पहुंचाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी वोट हासिल करने के लिए सांप्रदायिकता का इस्तेमाल कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी के बदलाव के बाद के अलावा उनका तुरुप का इक्का कल्याणकारी योजनाएं भी हैं। भाजपा पुरुलिया जिला अध्यक्ष विवेक रंगा ने कहा कि पार्टी को 2019 से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। बंगाल के लोगों ने टीएमसी शासन में घोटाले और भ्रष्टाचार देखा है। यह पिछली बार नहीं था। लोगों ने पीएम मोदी गकी योजनाओं का असर भी देखा है।

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