Uttarkashi Tunnel Accident: रेस्क्यू की रफ्तार बेहद सुस्त! 5 दिन से फंसे 40 मजदूर, परिजन बंधा रहे ढांढस
उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित टनल में फंसे हुए 40 मजदूरों को अभी तक निकाला नहीं जा सका है। आज रेस्क्यू ऑपरेशन का पांचवां दिन लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि मजदूरों को आखिरी कब तक सुरंग से निकाला जा सकेगा। हालांकि सुरंग में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के बीच प्रशासन लगातार बातचीत करवा रहा है।
घटना स्थल पर मौजूद एक मजदूर के पिता धर्म सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, "मेरा 20 साल का बेटा विजय कुमार अंदर फंसा हुआ है। मैंने उससे थोड़ी बात की है। मैंने उसे हौंसला बंधाया और यह आश्वासन दिया कि सब कुछ सही हो जाएगा और उसे शाम तक बाहर निकाला जा सकेगा।" धर्म सिंह ने बताया कि सुरंग में फंसे लोगों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना और पानी दिया जा रहा है।
नई ऑगर मशीन से किया जा रहा ड्रिल
मंगलवार रात ऑगर मशीन के खराब होने के बाद बुधवार दोपहर वायुसेना का विमान हैवी मशीनरी लेकर चिन्यालीसौड़ हवाईअडडे पहुंचा। चिन्यालीसौड़ हवाईअडडे से मशीन को सड़क के सारस्त सिलक्यारा लाया गया। यह मशीन सुरंग के अंदर इंस्टॉल की जा चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नई ऑगर मशीन की पावर बहुत ज्यादा है। यह एक घंटे में चार—पांच मीटर तक मलबे के अंदर सुराख कर सकती है।
नई ऑगर मशीन के सिलक्यारा पहुंचने से पहले NHIDCL के निदेशक अंशु मनीष ने मीडिया से बातचीत में बताया कि नई मशीन के इंस्टॉल होने के बाद हम 10 घंटे में 50 मीटर मलबा भेदने की उम्मीद करते हैं। हालांकि उन्होंने फंसे हुए मजदूरों को निकालने की कोई संभावित समयसीमा नहीं बताई। दरअसल रेस्क्यू टीम ऑगर मशीन के जरिए एक 'एस्केप टनल' बनाने की कोशिश कर रही है। यह टनल बनाने के लिए 90 mm के पाइप पहले ही यहां मंगाए जा चुके हैं।
बुधवार को मजदूरों ने किया प्रदर्शन
सुरंग के अंदर फंसे हुए मजदूरों के साथियों और उनके परिजनों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इन लोगों का कहना है कि सरकार बेहद ढीले रवैये से काम कर रही है। इसी वजह से अब तक उनके लोगों को सुरंग से निकाला नहीं जा सका है। मंगलवार रात जब मशीन खराब होने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ समय के लिए बंद हो गया तो सुरंग के बाहद मौजूद लोगों का गुस्सा फूट उठा था।