फिरोजाबाद जेल में कैदी की मौत पर जमकर बवाल, 6 राउंड फायरिंग, सीओ और मजिस्ट्रेट को भागकर बचानी पड़ी जान
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में जेल के एक कैदी की मौत के बाद जमकर बवाल देखने को मिला है। परिजनों ने चक्काजाम कर दिया और पुलिस पर पथराव भी देखने को मिला। असल में आकाश नाम के शख्स को चोरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसे जेल में भी डाल दिया गया, लेकिन वहां उसकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद वो अस्पताल में एडमिट हुआ।
आखिर हुआ क्या था?
बताया जा रहा है कि अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अब यह वर्जन पुलिस का है, उनका ऐसा कहना है कि आकाश की तबीयत पहले से खराब थी, वो बीमार चल रहा था और उसी वजह से उसकी मौत हो गई। लेकिन परिजनों का आरोप है कि पहले उनके साथी को झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया और फिर जेल में जमकर पिटाई हुई जिस वजह से उसने दम तोड़ दिया।
हिंसा कैसे भड़क गई?
अब इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच जब पोस्टमार्टम के बाद आकाश की बॉडी को परिवार को सौंपा गया तो दलित समाज के लोग इकट्ठा हो गए। उनकी तरफ से जमकर बवाल काटा गया, आरोप लगाया गया कि साजिश के तहत आकाश की हत्या हुई। पुलिस ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं हुआ और पुलिस पर ही जमकर पथराव किया गया। इसके अलावा कई गाड़ियों को आग के हवाले तक किया गया।
पुलिस ने क्यों की फायरिंग?
जब लगा कि कानून व्यवस्था हाथ से फिसल रही है तब पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। उनकी तरफ से बल प्रयोग हुआ और हवा में फायरिंग तक की गई। पुलिस का तर्क है कि सिर्फ भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का इस्तेमाल हुआ। अभी के लिए पुलिस के कुछ जवाब घायल बताए जा रहे हैं, पथराव में उनका खून बहा है, पास के ही अस्पताल में सभी एडमिट हैं।
हिंसा पर पुलिस ने क्या बोला?
इस समय फिरोजाबाद में तनाव की स्थिति बनी हुई है, पुलिस ने जरूर निष्पक्ष जांच की बात कही है, लोकल बीजेपी विधायक ने भी न्याय दिलवाने की बात कर दी है। लेकिन परिजनों का साफ कहना है कि रक्षक बने पुलिस वालों ने ही हत्या कर दी है। उसी वजह से स्थिति ज्यादा तनावपूर्ण बनी हुई है। घटना की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उनमें आगजनी की हुई दिख रही है, खून से लथपथ पुलिस वाले भी नजर आ रहे हैं।