अयोध्या से लेकर संविधान और नेहरू से इंदिरा तक… संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर जमकर बोला हमला
राज्यसभा में बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि तीसरी बार में भी विपक्ष दल कांग्रेस तीन डिजिट जानी 100 का आकंड़ा नहीं छू सकता। लगातार फेल होने वाला बच्चा जब ग्रेस मार्क्स से भी पास हो जाए तो खुशी होती है। कुछ ऐसी ही स्थिति कांग्रेस पार्टी की हुई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुदड़ी के लाल है जबकि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल जवाहरात के लाल थे। क्योंकि पीएम मोदी स्टेशन पर चाय बेचकर यहां तक पहुंचे हैं जबकि जवाहर लाल के पिता बड़े वकील थे। उनका जीवन राजसी ठाठ में गुजरा था।
राज्यसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष नीट परीक्षा पर चर्चा की मांग कर रहा था जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खूब हंगामा देखने को मिला। लेकिन विपक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं हुआ तो सदन 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 12 बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो चेयर पर बैठे उपसभापति हरिबंश ने सुधांशु त्रिवेदी को अभिभाषण पर बोलने को कहा। अभिभाषण पर बोलते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने पहले तो वर्तमान की मोदी सरकार के तीसरी बार सरकार में वापसी पर बात करने की शुरुआत की।
पिछले 40 साल में कांग्रेस के खाते में नहीं आई 240 सीटें
उन्होंने कहा कि मोदी ने तीसरी प्रधानमंत्री बनके नेहरू की बराबरी की। लेकिन मैं कह रहा हूं कि मोदी उनसे भी आगे है। क्योंकि पिछले 40 साल में कांग्रेस को 240 सीटें नहीं आई हैं। जबकि भाजपा लगातार तीसरी बार एनडीए के नेतृत्व में सरकार बना रही है। तो सोचिए नेहरू जी तक प्रधानमंत्री बने थे जब विपक्ष था ही नहीं। इन 40 सालों में 184 के चुनावों के बाद सबसे ज्यादा सीट 1991 के चुनाव में आई थी। उस समय कांग्रेस के खाते में 232 सीट आई थी।
हिटलर की तरह इंदिरा जी ने लगाया था आपातकाल
सुधांशु ने नेहरू के साथ ही इंदिरा गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी कहतीं थीं इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा। उन्होंने हिटलर की तरह तानाशाही करते हुए आपातकाल इस देश पर लगाया था।
नेहरु को नहीं मिला था एक भी वोट
पीएम मोदी से नेहरू की तुलना पर कहा कि आजादी के बाद जब आंतरिम गठन को लेकर वोटिंग हुई थी तो पट्टाभि सीतारमैया को कुछ वोट मिले जबकि सरदार पटेल को सबसे अधिक मत मिले थे। वहीं नेहरू को एक भी वोट नहीं मिला। पीएम मोदी सर्वसम्मति से तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। इसलिए दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है।
कांग्रेस की सरकार नहीं मतलब संविधान खतरे में
राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जब राजीव गांधी ने सरिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वोट बैंक के लिए पलट दिया गया था तब संविधान खतरे में नहीं था। मनमोहन सिंह के समय की भी याद दिलाई कि जब सरकार के आदेश को राहुल गांधी द्वारा खुलेआम फाड़ दिया जाता था। तब संविधान खतरे में नहीं था। केंद्र से जुड़े CAA के मामले में इंडिया गठबंधन शासित राज्य ने विरोध किया तब संविधान खतरे में नहीं था।
विरोधी खुद मान लिए कि अयोध्या राम की धरती
अयोध्या में बीजेपी की हार को लेकर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राम से जुड़े सभी स्थानों पर बीजेपी को हार मिली है। अयोध्या, बस्ती, इलाहाबाद, नासिक, रामेश्वर, चित्रकूट में बीजेपी को हार तो मिली लेकिन इससे राम पर प्रश्न उठाने वालों को खुद मानना पड़ा कि ये राम से जुड़ी धरती रही है।
मुस्लिम आक्रांताओं ने नालांदा को किया था बर्बाद
सुधांशु त्रिवेदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुत्थान को लेकर बाबा साहब का उल्लेख किया। त्रिवेदी ने कहा बाबा साहब ने अपनी वाल्यूम (आत्मकथा) में लिखा है कि मुस्लिम आक्रांताओं ने किस तरह से नालंदा को बर्बाद किया था।