भगवान श्री राम लला के दिव्य आभूषण और वस्त्रों का ऐसे हुआ चयन, जानिए क्या है खासियत
आज अयोध्या राममय हो गई है। देश के कोने-कोने में जय श्री राम का उद्घोष हो रहा है। लोग अपने-अपने अंदाज में उत्सव मना रहे हैं। आखिरकार 500 सौ सालों के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री राम अयोध्या राम मंदिर में गर्भ गृह में विराजमान हुए हैं। सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा के समापन के बाद प्रभु श्री राम लला की पहली तस्वीर सामने आ चुकी है। लोग भगवान राम के दर्शन करने के बाद भाव विभोर हो उठे हैं। लोगों की आखों में खुशी के आंसू हैं। प्रभु श्री राम लला की 51 इंच की नई मूर्ति कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाया है।
प्रभु राम लला अपने भव्य रूप में हैं। दिव्य आभूषणों से उनका श्रृंगार किया गया है। उनके वस्त्र मन को मोह लेते हैं। उनकी यह छवि आध्यात्मिकता और परंपरा दोनों का दर्शन कराती है। उनके मुकुट की चमक हर ओर उजाला कर रही है।
ऐसे तैयार किए गए वस्त्र
दरअसल, इन वस्त्रों और आभूषणों को काफी शोध के बाद तैयार किया गया है। इन दिव्य आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, वाल्मिकी रामायण, रामचरितमानस और आलवन्दर स्तोत्र जैसे ग्रंथों में श्री राम के शास्त्र सम्मत वैभव के वर्णन के बाद किया गया है।
शोध के अलावा श्री यतींद्र मिश्रा की अवधारणा और निर्देशन के अनुसार इन आभूषणों का निर्माण हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स लखनऊ द्वारा तैयार किया गया है। यह ब्रांड 100 से भी पुराना है। इसे HSJ ग्रुप के नाम से भी जाना जाता है।
जूलरी में सोना, हीरा, मोती, पन्ना, माणिक, मोती रत्न शामिल हैं। वहीं श्री राम लला विराजमान को बनारसी कपड़े से सजाया गया है। जिसमें पीली धोती और लाल पटका/अंगवस्त्रम है। ये अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की ज़री और धागों से बनाए गए हैं। इन वस्त्रों पर शुभ वैष्णव प्रतीक - शंख, पद्म, चक्र और मयूर बनाए गए हैं। इन परिधानों का निर्माण दिल्ली के टेक्सटाइल डिजाइनर मनीष त्रिपाठी द्वारा किया गया था, जो अयोध्या धाम में काम करते थे। खास बात यह है कि इन आभूषणों और वस्त्रों को श्री राम के बाल रूप को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
प्रभु श्री राम लला ने क्या-क्या पहना है?
-श्री रामराम लला ने पीले सोने का मुकुट पहना है। इसे हीरा, पन्ना माणिक से बनाया गया है। सभी हीरे प्राकृतिक हैं, जो एक अरब साल से पुराने हैं।
-श्री रामराम लला के माथे पर पीले सोने से बना तिलक है।
-श्री रामराम लला के हाथों में पन्ने की एक अंगूठी है। जो हीरा और पन्ना से मिलकर बना है।
-बाएं हाथ में माणिक की अंगूठी है। इसका वजन 26 किग्रा है।
-पंचलड़ा को 660 ग्राम का बनाया गया है। इसे हीरा, पोल्की और पन्ना से बनाया गया है।
-विजय माला को सोने से बनाया गया है। इसका वजन लगभग दो किलो ग्राम है।
-पीले सोने से कमरबंद बनाया गया है। इसका वजन 750 किलो ग्राम है।
-बाजू बंद 22 कैरेट के सोने से बनाया गया है। इसका वजन 400 ग्राम है।
-श्री राम लला के कंगन का वजन 850 ग्राम है।
-पग खगड़ुआ का वजन 400 ग्राम है।
श्री राम लला ने सोने की पायल पहनी है।
-चांदी-सोने की वस्तुएं और धनुष-बाण।