मोदी के करीबी गुजरात के वरिष्ठ IAS अधिकारी रिटायर, 2013 से थे सेवा विस्तार पर; अब बनाया जा सकता है राज्यपाल!
Who Is senior Gujarat Official Kuniyil Kailashnathan: गुजरात के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह माने जाने वाले 'केके' के नाम से लोकप्रिय 72 वर्षीय कुनियिल कैलाशनाथन रिटायर हो गए। कैलाशनाथन मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के रूप में 11 साल तक सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। यह पद उनके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2013 में सीएमओ से अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद बनाया था। कैलाशनाथन को अभी भी प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है, ऐसे में राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद मिल सकता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की पोस्ट के अनुसार , कैलाशनाथन का काम पर आखिरी दिन रविवार (30 जून) होगा। पटेल ने उन्हें "स्वस्थ और तंदुरुस्त रिटायरमेंट" की शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, '2006 से, उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी के कार्यकाल (मुख्यमंत्री के रूप में) के दौरान सीएमओ में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया… उनके प्रशासनिक कौशल, सार्वजनिक मुद्दों की गहरी समझ और चतुर कार्यशैली उनके कार्यकाल के दौरान प्रमुख विशेषताएं थीं।"
एक अधिकारी ने बताया कि सीएमओ में एक छोटा सा विदाई समारोह आयोजित किया गया जिसमें ‘केवल कुछ अधिकारी ही शामिल हुए।’ सीएमओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैलाशनाथन ने इस बार सेवा विस्तार नहीं मांगा है।
गुजरात कैडर के 1979 बैच के आईएएस अधिकारी कैलाशनाथन 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। उस वक्त वो सीएमओ में तैनात थे, और उनके लिए एक नया पद सृजित किया गया था, जिसमें उन्हें दो साल के कार्यकाल के लिए मुख्य प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें 11 साल तक इस पद पर बने रहने के लिए सेवा विस्तार दिया गया।
कई संवेदनशील जिम्मेदारियों के अलावा, कैलाशनाथन गांधी आश्रम स्मारक कार्य और परिसर विकास परियोजना को भी संभाल रहे थे, जिसे राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है। अपनी अंतिम सार्वजनिक उपस्थिति में कैलाशनाथन को शुक्रवार को साबरमती आश्रम में साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक ट्रस्ट (एसएपीएमटी) के पूर्व सचिव अमृत मोदी के लिए प्रार्थना सभा में देखा गया।
कैलाशनाथन की सेवानिवृत्ति से नौकरशाही और राजनीतिक हलकों में उनके भविष्य को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि 'केके' ने अपने लिए क्या फैसला किया है। उन्हें राज्यपाल या उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। सरकार निश्चित रूप से 'केके' जैसे व्यक्ति के अनुभव को खोना नहीं चाहेगी… सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि वह क्या करना चाहते हैं।"
(परिमल ए डाभी की रिपोर्ट)