दत्तात्रेय होसबाले को RSS ने फिर क्यों चुना सरकार्यवाह? जानिए संघ के फैसले के पीछे क्या है बड़ा कारण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) ने सरकार्यवाह पद के लिए दत्तात्रेय होसबाले को चुना है। आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में हो रही है। ये बैठक नागपुर आरएसएस मुख्यालय में 6 साल बाद हो रही है। दत्तात्रेय होसबाले अब सरकार्यवाह पद पर 2027 तक बने रहेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार दत्तात्रेय होसबाले को आने वाले लोकसभा चुनाव और आरएसएस के शताब्दी वर्ष को देखते हुए फिर से सरकार्यवाह पद पर चुना गया है।
एबीपीएस एक वार्षिक बैठक है, जिसमें संघ की पिछले वर्ष की गतिविधियों की समीक्षा की जाती है और अगले वर्ष की योजना बनाई जाती है। तीन दिवसीय बैठक आम तौर पर मार्च के पहले पखवाड़े में महीने के दूसरे या तीसरे रविवार के आसपास आयोजित की जाती है। एबीपीएस आरएसएस के सर्वोच्च निर्णय लेने वाला प्लेटफ़ॉर्म है। बैठक में रणनीतियों के साथ-साथ संघ शिक्षा वर्ग (वार्षिक प्रशिक्षण शिविर) की योजना और आयोजन पर चर्चा होती है। ये प्रशिक्षण शिविर आमतौर पर हर गर्मियों में मई-जून में आयोजित किए जाते हैं। हालांकि कुछ अन्य महीनों में भी आयोजित किए जाते हैं।
एबीपीएस में देश के लगभग हर जिले का प्रतिनिधित्व है। इन प्रतिनिधियों में से अधिकांश सक्रिय स्वयंसेवकों के अखिल भारतीय प्रतिनिधि हैं। लगभग 50 सक्रिय स्वयंसेवकों का प्रतिनिधित्व एक प्रांतीय प्रतिनिधि (राज्य प्रतिनिधि) द्वारा किया जाता है, जबकि प्रत्येक अखिल भारतीय प्रतिनिधि 20 राज्य प्रतिनिधियों का प्रतिनिधित्व करता है। कुल मिलाकर बैठक में देश भर से लगभग 1,500 प्रतिनिधि भाग लेते हैं, जिनमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, क्षेत्रीय और प्रांत (राज्य) कार्यकारिणी के सदस्य, एबीपीएस के निर्वाचित सदस्य और सभी विभाग प्रचारक शामिल हैं।
ABPS में आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाता है। आरएसएस के सभी पूर्व प्रांत प्रचारकों (राज्य नेताओं) को एबीपीएस में आमंत्रित किया जाता है। आम प्रतिनिधि जहां तीन दिन तक बैठक में रहते हैं, वहीं इसके राष्ट्रीय पदाधिकारी तीन-चार दिन पहले पहुंचते हैं और बैठक खत्म होने के दो-तीन दिन बाद चले जाते हैं। आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। अगले साल इसका शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। आरएसएस ने 2025 तक देश में 1,00,000 शाखाएं खोलने का लक्ष्य तय किया था।