'इलेक्शन कमीशन से ज्यादा भरोसा फुलेरा के प्रधान पर', जब मनोज झा ने पंचायत वेब सीरीज का संसद में किया जिक्र
Panchayat Web Series in Parliament: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने वेब सीरीज 'पंचायत' का उदाहरण देकर इलेक्शन कमीशन की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा दिए। मनोज झा ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई गड़बड़ियों की शिकायत पर चुनाव आयोग की ओर से देरी से आए मेल पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग, लोगों का भरोसा खोता जा रहा है।
राज्य सभा में मनोज झा ने चर्चा के दौरान अपनी बात रखी। मुझे परसों एक ईमेल मिला, जिसमें मेरा नाम, पता और फोन नंबर मांगा गया था। किसलिए? क्या यही व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन की क्रेडिबिलिटी पर एक सर्वे हुआ। इसमें मात्र 28 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है। झा ने कहा कि इससे ज्यादा भरोसा तो पंचायत वेब सीरीज में फुलेरा के ग्राम प्रधान का है। पंचायत एक फेमस वेब सीरीज है जिसमें दिग्गज अभिनेता रघुबीर यादव ने प्रधान जी का रोल निभाया है।
मनोज झा ने कहा कि पूरे चुनाव में बिहार में ही रहा। हमारी सीटों में भले ही कमी आई हो लेकिन हमने बिहार की हवा का रुख बदल दिया। आज नौकरी का मतलब तेजस्वी यादव हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्शन के टाइम पर बहुत सी गलत बातें भी हुईं। मंगलूसत्र, टोंटी तोड़ ले जाएग, ये सब बाते सुनने को मिली। उसी समय इसकी शिकायत इलेक्शन कमीशन से की गई थी, लेकिन हमें दो दिन पहले ही मेल आया है। उसमें हमसे फोन नंबर और नाम पूछा गया है।
इमरजेंसी को लेकर क्या बोले मनोज झा
मनोज झा ने आपातकाल को लेकर भी अपनी बात रखी। आरजेडी सांसद ने कहा कि इमरजेंसी के वक्त सचमुच बहुत खराब हालात थे। लेकिन सच कहना चाहूंगा कि इंदिरा गांधी के एडवाइजर स्मार्ट नहीं थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के एडवाइजर स्मार्ट होते तो कहते कि ऐसे ही हो जाएगा, 352 के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है।
आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि इस मैंडेट में सत्तारूढ़ दल और विपक्षी अलायंस दोनों के लिए मैसेज है। सत्ता पक्ष के लिए यह मैसेज है कि व्यक्ति केंद्रित विर्मश की एक सीमा होती है। वहीं, विपक्षियों के लिए यह मैसेज है कि हमने जो कोशिशें की वह काफी नहीं थी। मनोज झा इतने पर ही नहीं रूके उन्होंने कहा कि 10 साल से एनडीए सुनने के लिए कान तरस गए थे। पिछले एक महीने से एनडीए-एनडीए ही सुनाई दे रहा है। यह एक अच्छी बात है। यह लोकतंत्र की खूबसूरती है।