रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में NIA का एक्शन, दबोच लिया लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी
Rameshwaram Cafe Blast: एनआईए ने चार राज्यों में बड़ी कार्रवाई करने के तीन दिन बाद रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में एक और शख्स को गिरफ्तार किया। अरेस्ट किए गए व्यक्ति की पहचान शोएब अहमद मिर्जा उर्फ छोटू के रूप में हुई है। वह हुबली का रहने वाला है। शोएब लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकी साजिश मामले में पहले से अपराधी है।
एनआईए की अपनी जांच में पाया कि शोएब मिर्जा को पहले लश्कर-ए-तैयबा बेंगलुरु साजिश के मामले में दोषी ठहराया गया था और जेल भेज दिया गया था। जेल से छूटने के बाद उसने नई साजिश में शामिल हो गया। साल 2018 में उशने अब्दुल मतीन ताहा को एक ऑनलाइन हैंडलर से मिलवाया। इसके बाद बातचीत के लिए एक ईमेल आईडी भी दी। ताहा को इस मामले में 12 अप्रैल को कोलकाता में साथी आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब के साथ पकड़ा गया था।
रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट
बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड में आईटीपीएल रोड पर कैफे में एक आईईडी ब्लास्ट हुआ था। इसमें कई ग्राहक और स्टाफ के लोग घायल हो गए। 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे में हुए ब्लास्ट की जांच के दौरान एनआईए ने पूरे भारत में 29 जगहों पर छापेमारी की। उन्होंने हैंडलर और ब्लास्ट की पीछे की साजिश की जांच जारी रखी हुई है। मंगलवार को एनआईए ने ब्लास्ट के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने और दूसरे साजिश रचने वाले लोगों की पहचान करने के लिए कई राज्यों में छापेमारी की। एनआईए की टीमों ने मामले के सिलसिले में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 11 जगहों पर छापेमारी की।
एनआईए ने 3 मार्च को मामले को अपने हाथ में लिया। 12 अप्रैल को उन्होंने दो मुख्य संदिग्धों अब्दुल मथीन अहमद ताहा (Mastermind) और मुसाविर हुसैन शाजिब (हमलावर) को कोलकाता में उनके ठिकाने से अरेस्ट कर लिया था। यहां पर वह पहचान छिपा कर रह रहे थे। दोनों संदिग्ध कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे शिवमोगा के इस्लामिक स्टेट समूह के सदस्य भी हैं।
फिर खुला रामेश्वरम कैफे
एनआईए की जांच अभी भी जारी है। रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके के बाद लोगों में काफी डर का माहौल पैदा हो गया था। हालांकि, अब हालात फिर से सामान्य हो गए हैं। कड़ी सुरक्षा के बाद कैफे को कुछ दिन में फिर से शुर कर दिया गया था। अब गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और ग्राहकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैंडहेल्ड डिटेक्टरों का इस्तेमाल हो रहा है।