Ranjit Singh Murder Case: आखिर राम रहीम को कैसे मिली हत्या के मामले में राहत? क्या है 22 साल पुराना रंजीत सिंह मर्डर केस
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हत्या के एक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। उनके साथ ही चार और लोगों को इस मामले में बरी किया गया है। यह एक 22 साल पुराना केस था जिसमें डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या को लेकर राम रहीम सजा काट रहे थे, हाईकोर्ट ने सीबीआई के सजा के फैसले को अब रद्द कर दिया है। अब हाईकोर्ट ने किन ग्राउंडस के तहत उन्हें रिहा किया है, यह हम इस आर्टिकल में जानेंगे।
क्या था पूरा मामला?
यह मामला डेरा के पूर्व मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या से जुड़ा है। 10 जुलाई, 2002 को हरियाणा के कुरूक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह संदेह था कि उनकी हत्या एक पत्र प्रसारित करने में उनकी कथित भूमिका के कारण की गई थी, जिसमें बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में संप्रदाय प्रमुख द्वारा महिलाओं का यौन शोषण कैसे किया जा रहा था।
पंचकुला में सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम और चार अन्य लोगों को इस मामले में दोषी माना था। राम रहीम ने इस मामले में हाईकोर्ट का रुख किया था।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
जब मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने सीबीआई की जांच में कई कमियों का हवाला दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैसे कि सीबीआई की जांच के दौरान हत्या के दौरान इस्तेमाल हथियार और कार की बरामदी नहीं हो सकी है। सीबीआई ने यह दावा किया था कि हत्या के दौरान 455 बोर की एक पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था जबकि वही पिस्टल 1999 में मोगा पुलिस ने बरामद कर ली थी।
इस दौरान हत्या के गवाहों के बयानों में भी काफी अंतर पाया गया है। इस मामले पर पहले गांव के सरपंच पर आरोप लगाए गए थे, बाद में आरोप राम रहीम पर लगाए गए। ऐसी कुछ बातें मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आई हैं।