'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेपर लीक रोक नहीं पा रहे या रोकना नहीं चाहते', नीट मामले पर राहुल गांधी का हमला
राहुल गांधी ने नीट और यूजीसी नेट एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा, "कहा जा रहा था कि मोदी जी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोक दिया। लेकिन कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक को रोक नहीं पाए हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि पेपर लीक का कारण यह है कि शिक्षा व्यवस्था पर RSS ने कब्ज़ा कर लिया है। जब तक यह नहीं बदला जाएगा, पेपर लीक होते रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कब्ज़े को आसान बनाया है। यह एक एंटी नेशनल एक्टिविटी है।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हजारों लोगों ने पेपर लीक की शिकायत की। उन्होंने यह भी दावा किया कि पेपर लीक तब तक बंद नहीं होंगे, जब तक शैक्षणिक संस्थानों से RSS-BJP का कब्जा नहीं हटता। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों पर आरएसएस-भाजपा का कब्जा है और जब तक इसे बदला नहीं जाएगा तब तक पेपर लीक होने बंद नहीं होंगे। राहुल गांधी ने यह भी कहा दावा कि नीट मामला मध्य प्रदेश के व्यापम मामले का विस्तृत रूप है।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या कहा? जानिए बड़ी बातें
- कांग्रेस सासंद ने कहा कि पेपर लीक के मामलों में इस सरकार की कोई विश्वसनीयता नहीं है। अगर वे क्लीन चिट दे देते हैं, तो इसका कोई मतलब नहीं है, उनकी विश्वसनीयता शून्य है। हर कोई जानता है कि इसका केंद्र मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था पर एक संगठन ने कब्ज़ा कर लिया है। उन्होंने हर पद पर अपने लोगों को बिठा रखा है। इसे बदलना होगा।
- उन्होंने कहा कि हमने मेनिफेस्टो में यह साफ तौर पर कहा था कि पेपर लीक के बाद एक्शन लेना एक बात है, लेकिन हमने यह भी कहा कि पेपर लीक होने से पहले जो व्यवस्थाएं थीं, विश्वविद्यालय परीक्षाओं के नियम थे, उनका फिर से आकलन करना होगा, अध्ययन करना होगा और उन्हें फिर से डिजाइन करना होगा।
- सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि चुप्पी इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री कोई फैसला लेने में सक्षम नहीं हैं। अभी प्रधानमंत्री का मुख्य एजेंडा स्पीकर का चुनाव है। उन्हें अपनी सरकार और स्पीकर की चिंता है... प्रधानमंत्री मानसिक रूप से टूट चुके हैं और उन्हें इस तरह की सरकार चलाने में संघर्ष करना पड़ेगा।
- उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों में डर पैदा करके सरकार चलाते हैं। अब लोग उनसे नहीं डरते। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेसिक कॉन्सेप्ट खत्म हो चुका है। अगर वाजपेयी जी या मनमोहन सिंह जी होते तो शायद वे बच पाते क्योंकि उनमें विनम्रता, सम्मान और सुलह करने की क्षमता थी। लेकिन नरेंद्र मोदी इन सब बातों में विश्वास नहीं करते
- राहुल गांधी ने कहा कि ये एक नेशनल क्राइसिस है, यह एक इकोनॉमिक क्राइसिस है, यह एक एजुकेशनल क्राइसिस लेकिन मुझे सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई देती। बिहार के संबंध में हमने कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।