Lok Sabha Chunav: 'राहुल गांधी मैन ऑफ द मैच', शशि थरूर बोले- लोकसभा में संभालें विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव परिमाण को लेकर बीजेपी जैसी उम्मीद कर रही थी। वैसा नहीं हुआ। नतीजे एकदम बीजेपी के खिलाप गए। चुनाव नतीजों ने सभी एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया। हालांकि, चुनाव नतीजों में इंडिया गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया।
हालांकि, 2014, 2019 की अपेक्षा एनडीए की सीटों में भारी गिरावट देखने को मिली तो वहीं इंडिया अलायंस को भारी बढ़त हासिल हुई, लेकिन इन सबके बावजूद एनडीए ने इंडिया अलायंस से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। एनडीए ने शुक्रवार को राष्ट्रपति को पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने को लेकर दावा भी पेश कर दिया है। कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी 9 जून को पीएम पद की शपथ ले सकते हैं।
इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर का बड़ा बयान सामने आया है। शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा, 'मतदाताओं ने भाजपा के अति अहंकार तथा ‘मेरी बात मानिये, नहीं तो रास्ता नापिये’ के रवैये को ‘अनुचित’ ठहराया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के लिए यह चुनौती होगी क्योंकि सरकार चलाने में उन्हें सलाह-मशविरा करने की आदत नहीं है।'
शशि थरूर ने कहा, 'संसद को नोटिस बोर्ड की तरह मानना और उससे सभी निर्णयों के लिए रबर स्टैंप होने की अपेक्षा करना राजग सरकार के लिए अब यह व्यवहार्य नहीं होगा।'
थरूर ने कहा कि यही उचित होगा कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालें। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा चुनाव के ‘मैन ऑफ मैच’ हैं। कांग्रेस ने कई जगहों पर गेंद को मैदान के बाहर पहुंचाया।
अगली राजग सरकार को लेकर उनका कहना था, ‘‘यह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए एक चुनौती होगी, जो अपनी सरकार चलाने में बहुत अधिक सलाह-मशविरा करने के आदी नहीं रहे हैं और मुझे लगता है कि यह उनके काम करने के तरीके को बदलने और सरकार के भीतर अधिक समायोजन करने की उनकी क्षमता की परीक्षा होगी।”
उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष के साथ भी सरकार का अधिक समायोजन रहेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार कुछ मुद्दों पर ‘मजबूर सरकार’ साबित हो सकती है, क्योंकि इस गठबंधन का हिस्सा बनने वाली पार्टियों को हर बात पर सहमत होना होगा।
थरूर ने कहा, ‘‘पहले से ही ‘अग्निपथ’ योजना पर एक पार्टी द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। इस विचार का जद (यू) और चिराग पासवान पार्टी द्वारा समर्थन किया गया है। आंध्र प्रदेश और बिहार दोनों में कई नेताओं ने अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है, जिससे भाजपा सरकार ने अब तक इनकार कर दिया था। इसको भी फिर से देखना होगा।”
थरूर ने कहा कि अब इस सरकार को अधिक सहमति वाला मॉडल शासन लाना होगा। उन्होंने मोदी सरकार पर पिछले 10 वर्षों में संसद को एक नोटिस बोर्ड की तरह मानने का आरोप लगाया और कहा कि यह उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं होगा कि सरकार के सभी निर्णयों के लिए संसद रबर स्टांप होगी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम की पैरवी करते हुए थरूर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष निर्विवाद रूप से इस लोकसभा चुनाव में स्टार हैं।
लोकसभा सदस्य का कहना था, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन) खडगे ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रचार किया, लेकिन खड़गे राज्यसभा में हैं जहां वह विपक्ष का नेतृत्व करते हैं और यह उचित होगा कि राहुल गांधी लोकसभा में भी ऐसा ही करें। मैंने इस संबंध में सार्वजनिक और निजी तौर पर भी अपनी बात रख दी है।”
उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि अब हमारे पास सरकार के खिलाफ खड़े होने के लिए एक मजबूत संख्या है और उन्हें (विपक्ष का नेता) ऐसा नेता होना चाहिए जो नि:संदेह पार्टी में सबसे लोकप्रिय हो।'
केरल के तिरुवनंतपुरम में थरूर ने केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को 16,077 मतों के अंतर से हराया। इस लोकसभा चुनाव के जनादेश के संदेश के बारे में बात करते हुए थरूर ने कहा कि यह संदेश बहुत स्पष्ट है कि भारतीय मतदाता लोकतंत्र को इस तरह से हल्के में नहीं लेने देंगे।
उन्होंने मोदी सरकार के अतीत के कुछ फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार अब गठबंधन की है और प्रधानमंत्री को बड़े फैसले से पहले गठबंधन के सहयोगियों से परामर्श करना होगा, अन्यथा सरकार बच नहीं पाएगी।
लोकसभा में कांग्रेस की सीटें बढ़कर 99 हो जाने की सराहना करते हुए थरूर ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रदर्शन है और नेता इस बात से बहुत खुश हैं कि जमीन पर जो देखा गया है, यह संख्या के उसके मुताबिक है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। निश्चित रूप से हमें दिल्ली, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में सभी सीट हारने की उम्मीद नहीं थी। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां उन राज्य इकाइयों के भीतर कुछ आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होगी कि क्या ग़लत हुआ और मुख्यालय को भी इस पर विचार करना होग।'
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर, हमने अधिकतर अन्य स्थानों पर अच्छा प्रदर्शन किया है और यदि आप उन राज्यों की संख्या को देखें जहां हमने अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, तो हम उन राज्यों की संख्या से काफी आगे निकल गए हैं जहां हम पहले की संख्या पर रहे या हम नीचे चले गए।” थरूर ने पार्टी के प्रदर्शन के लिए गांधी की दो ‘भारत जोड़ो यात्राओं’ और उसकी गठबंधन रणनीतियों को भी श्रेय दिया। शशि थरूर ने यह सभी बातें पीटीआई की दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहीं।