पंजाब CM मान के लिए जालंधर पश्चिम उपचुनाव जीतना क्यों जरूरी? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Punjab Politics: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की निगाहें इस वक्त जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर टिकीं हैं। जिसको लेकर वो AAP प्रत्याशी मोहिंदर भगत के समर्थन में रोड शो भी कर रहे हैं। रोड शो के दौरान मान ने कहा कि जालंधर पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव के नतीजों का उनकी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बुधवार को कहा कि न तो हमारी सरकार गिरेगी और न ही किसी और की सरकार बनेगी।
हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद सीएम मान और उनका परिवार खुद आप उम्मीदवार से भी आगे निकलकर प्रचार में जुट है। वे निर्वाचन क्षेत्र के हर हिस्से और गली-मोहल्ले में घूम रहे हैं। इससे सवाल उठता है कि अगर मान को लगता है कि चुनाव के नतीजों से आप सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, तो वो फिर इतनी इच्छाशक्ति के साथ प्रचार क्यों कर रहे हैं?
राजनीतिक एक्सपर्ट सीएम मान की इस मेहनत के पीछे लोकसभा चुनाव में आप की हार को देखते हैं। वो कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ने अपनी हार को स्वीकार किया है। उनका मानना है कि पार्टी अगर यह सीट भी हार जाती है, तो इससे राज्य सरकार में लोगों के विश्वास की कमी के रूप में देखा जाएगा। 10 जुलाई को होने वाला चुनाव पंजाब में एक केंद्र बन गया है। जिसके परिणाम तात्कालिक तो नहीं लेकिन पार्टी के लिए एक अच्छा संदेश जरूर देंगे।
उपचुनाव से पहले सीएम अपनी पत्नी और बेटी समेत परिवार के साथ जालंधर में किराए के मकान में रहने चले गए हैं । वे विधानसभा क्षेत्र की गलियों में रोजाना प्रचार कर रहे हैं। इसके अलावा,मान की पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर किराए के मकान में सक्रिय रूप से जनसभाएं करती हैं और फिर प्रचार के लिए घर-घर जाती हैं।
राजनीतिक एक्सपर्ट एडवोकेट सतपाल विरदी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, 'हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान सीएम मान ने 13-0 का नारा दिया था, जिसका लक्ष्य पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतना था। हालांकि, पार्टी केवल तीन सीटें ही जीत पाई - दो मालवा (संगरूर और आनंदपुर साहिब) और एक दोआबा क्षेत्र (होशियारपुर)। होशियारपुर में भी जीत का श्रेय उम्मीदवार डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के व्यक्तिगत तालमेल को दिया गया। राज कुमार चब्बेवाल कांग्रेस के पूर्व विधायक है। वो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले AAP में शामिल हो गए थे। इसके अतिरिक्त, 2022 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी के वोट शेयर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। इन कारकों के कारण, सीएम अब किसी भी तरह से इस उपचुनाव को जीतने के लिए संकल्पित हैं।'
जलालधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आप लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस को सबसे अधिक 44,394 वोट मिले, उसके बाद भाजपा (42,837 वोट) रही। आप को केवल 15,629 वोट मिले।
एक अन्य राजनीतिक पर्यवेक्षक और दलित मुद्दों के विशेषज्ञ प्रो. जीसी कौल ने कहा, 'जब सरकार को हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, तो यह जीत खास तौर पर सीएम मान के नेतृत्व के लिए राहत लेकर आएगी। वैसे ज्यादातर ऐसा ही देखने को मिलता है कि सत्तारूढ़ दल विधानसभा उपचुनाव जीतते हैं, लेकिन अपवाद भी होते हैं, जैसा कि संगरूर लोकसभा उपचुनाव में देखा गया था, जहां आप सरकार बनने के तीन महीने बाद ही हार गई और 2022 के विधानसभा चुनावों में मजबूत बहुमत के बावजूद हार गई।"
हालांकि, उपचुनाव में अगर AAP को जीत मिलती है तो यह पंजाब के सीएम में विश्वास मत के रूप में देखा जा सकता है, जिसके लिए सीएम मान इसे हासिल करने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चला रहे हैं। वहीं, हार सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगी और सीएम मान के नेतृत्व पर सवालिया निशान लगा देगी। बता दें, 2022 में 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीतने वाली आप लोकसभा चुनावों में 84 विधानसभा क्षेत्रों में हार गई और केवल 33 पर बढ़त हासिल कर सकी।