Pune Porsche Crash Case: 'सुनील टिंगरे को फोन आया और वह...', जानें पुणे पोर्श केस में अजित पवार ने NCP विधायक को लेकर क्या कहा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पोर्श दुर्घटना मामले में एनसीपी के वडगांव शेरी विधायक सुनील टिंगरे का बचाव किया है। अजित पवार ने कहा कि हो सकता है कि सुनील टिंगरे दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस स्टेशन पहुंचे हों जो कि एक आम बात है। बता दें कि सुनील टिंगरे 19 मई को सुबह करीब 3.30 बजे (दुर्घटना के एक घंटे बाद) येरवडा पुलिस स्टेशन पहुंचे थे और सुबह 6 बजे तक वहीं मौजूद थे।
विपक्षी नेताओं ने सुनील टिंगरे पर नाबालिग आरोपी के पक्ष में जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इस मामले में एक पत्र भी सामने आया है जिसमें सुनील टिंगरे ने डॉ. अजय तावरे (जिन्हें नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल की अदला-बदली के आरोप में गिरफ्तार किया गया था) को अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इससे सुनील टिंगरे पर सवाल खड़े रहे हैं।
अजित पवार ने कहा, "महाराष्ट्र में स्थानीय स्तर पर रहने वाले जन प्रतिनिधि कोई अप्रिय घटना होने पर घटनास्थल का दौरा करते हैं। आपको पता होना चाहिए कि कुछ समय पहले सुनील टिंगरे ने भी उस स्थान का दौरा किया था, जब उनके निर्वाचन क्षेत्र में एक स्लैब ढह गया था।"
अजित पवार ने कहा कि पोर्शे दुर्घटना देर रात हुई और इसकी सूचना मिलने के बाद सुनील टिंगरे मौके पर पहुंचे थे। अजित पवार ने कहा, "सुनील टिंगरे को एक फोन आया था और उन्होंने सार्वजनिक रूप से शेयर किया है कि उन्हें किसका फोन आया था जिसके बाद वह पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्होंने किसी को किसी की सुरक्षा करने का आदेश नहीं दिया। क्या किसी ने प्रशासन पर दबाव डालकर रोकने की कोशिश की, या किसी ने पुलिस को क्राइम दर्ज करने से रोका? ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। इस मामले में जो कुछ आवश्यक था वह हुआ है।"
अजित पवार ने आगे कहा कि मामले में कुछ लोग उन पर भी हमला कर रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी किसी को गलत काम से बचाने की कोशिश नहीं की। अजित पवार ने कहा, ''आप सभी मुझे जानते हैं, मैं हमेशा ऐसी चीजों पर सख्त रुख अपनाता हूं, भले ही वे मेरे कार्यकर्ता ही क्यों न हों। इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों ने कुछ गलतियां की हैं और कुछ बातें सामने आने के बाद संबंधित विभागों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है।"
अजित पवार ने कहा कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद पुणे पुलिस कमिश्नर से बात नहीं की जैसा कि विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा पुणे सीपी के संपर्क में रहता हूं लेकिन इस मामले में मैंने उन्हें फोन नहीं किया। अगर मैंने उनसे बात की होती तो मैंने उन्हें सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा होता क्योंकि एक निर्वाचित प्रतिनिधि को यही करना चाहिए।