राष्ट्रपति के पहले ही अभिभाषण में कांग्रेस को दिखा पक्षपात? आंकड़ों के सहारे दिए सबूत
President Droupadi Murmu Speech: 18वीं लोकसभा सत्र को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया। कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में पक्षपात करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से ज्यादा स्क्रीन पर दिखाया गया।
कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सवाल पोस्ट करते हुए कहा कि 51 मिनट के राष्ट्रपति के संबोधन में किसको कितनी बार दिखाया गया। नेता सदन नरेंद्र मोदी मोदी को 73 बार दिखाया गया। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को केवल 6 बार ही दिखाया गया। सरकार को 108 बार और विपक्ष को मात्र 18 बार की स्क्रीन पर दिखाया गया। उन्होंने आगे कहा कि संसद टीवी की कार्यवाही दिखाने के लिए है। कैमराजीवी की आत्मुग्धता के लिए नहीं है।
राष्ट्रपति ने आपातकाल को बताया काला अध्याय
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 18वीं लोकसभा के गठन के बाद पहली बार संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा लगाए गए आपातकाल की निंदा करते हुए राष्ट्रपति ने इसे काला अध्याय कहा। राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार भारत के संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं मानती, बल्कि हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि हमारा संविधान जनचेतना का हिस्सा बने।"
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर खड़गे ने दी प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर कहा, "मोदी सरकार द्वारा लिखे गए राष्ट्रपति के अभिभाषण को सुनकर ऐसा लगा कि मोदी लगातार इनकार की स्थिति में हैं! जनादेश उनके खिलाफ था, क्योंकि देश की जनता ने उनके 400 प्लस के नारे को नकार दिया और भाजपा को 272 के आंकड़े से दूर रखा।" उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वह दिखावा कर रहे हैं कि कुछ भी नहीं बदला है, लेकिन सच्चाई यह है कि देश की जनता बदलाव चाहती थी।
खड़गे ने कहा कि रोजमर्रा की खान-पान की चीजों के दाम दिन-दोगुनी, रात-चौगनी बढ़ गए हैं। 4 महीनों से फूड इंफ्लेशन 8.5 फीसदी से ज्यादा रहा है। आटे, दाल, टमाटर, प्याज, दूध सबके दाम आसमान पर हैं। देश में परिवारों की बचत 50 सालों में सबसे निचले स्तर पर है। पर पूरे अभिभाषण से महंगाई शब्द गायब है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्रेन हादसों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के लिखित भाषण में पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना का कोई जिक्र नहीं किया। बालासोर की रेल त्रासदी के बाद भी सरकार ने कोई सबक नहीं किया।