संसद में दिखी पीएम मोदी-राहुल गांधी के बीच गर्मजोशी, क्या इस सत्र में सत्ता-विपक्ष के बीच बन पाएगी सहमति?
लोकसभा स्पीकर के तौर पर ओम बिरला ने एक बार फिर अपना पद संभाल लिया है। जब ध्वनिमत के जरिए उनका चुनाव हुआ तो स्वागत के लिए पीएम मोदी और सदन में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उनका स्वागत करने के लिए आगे आए। यह एक ऐसा लम्हा था जब लंबे वक़्त बाद दोनों नेताओं को एक साथ फ्रेम में देखा गया।
तस्वीर जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ देर बाद ही पक्ष विपक्ष के बीच तीखी बहसें शुरू हो गई। वजह स्पीकर का संबोधन था जिसमें वह इंदिरा गांधी के ज़रिए लगाए गए आपातकाल का ज़िक्र कर रहे थे। विपक्ष ने उनके बयान को विभाजनकारी बयान करार दिया। जब हंगामा ज़्यादा बढ़ा तो कार्यवाही स्थगित कर दी गई और एक संदेश गया कि 18वीं लोकसभा का मिजाज थोड़ा अलग होने वाला है।
इस बार अलग होगा लोकसभा का मिजाज
इस बार 16वीं और 17वीं लोकसभा से अलग 18वीं लोकसभा में विपक्ष का एक मान्यता प्राप्त नेता (LOP) सदन में मौजूद है। कांग्रेस ने रणनीति के तहत राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। पिछली लोकसभा में विपक्ष का कोई नेता नहीं था क्योंकि किसी भी विपक्षी दल ने इस पद पर दावा करने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं जीती थीं।
इस बार कांग्रेस ने 99 सीटें जीती हैं और कांग्रेस इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी है। एकजुट विपक्ष भी इस सदन में दिखाई दे रहा है, ऐसे में सरकार के फैसलों पर तीखी बहसें होंगी और विपक्ष बहुत आसानी से सरकार को अपने फैसलों को मनवाने नहीं देगा।
अब जब लोकसभा में स्पीकर पद का चुनाव, शपथ ग्रहण सभी ज़रूरी फैसले पूरे हो चुके हैं तो विपक्ष कई मुद्दों को उठाने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में विपक्ष नीट-नेट पेपर लीक, बंगाल में हाल ही में हुई कंचनजंगा ट्रेन दुर्घटना आदि मुद्दों पर आवाज़ उठा सकता है। एनडीए के पास लोकसभा में 293 सांसद हैं। विपक्ष के पास कम से कम 236 सांसद हैं और उसे छोटी पार्टियों और कुछ निर्दलीयों से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है।