कौन हैं अन्नपूर्णा देवी? RJD से शुरू किया राजनीतिक सफर, अब PM मोदी ने बनाया कैबिनेट मंत्री
नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके मंत्रिमंडल में 72 मंत्री शामिल हैं। पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में सात महिलाओं को भी शामिल किया गया है, जिसमें से दो कैबिनेट मंत्री हैं। निर्मला सीतारमण के अलावा अन्नपूर्णा देवी का नाम चर्चा में बना हुआ है, जिन्हें मोदी सरकार के कैबिनेट में जगह मिली है।
कौन हैं अन्नपूर्णा देवी?
अन्नपूर्णा देवी की राजनीति में एंट्री उनके पति रमेश यादव की मृत्यु के बाद हुई। 1998 में अन्नपूर्णा देवी ने राजनीति में प्रवेश किया। उनकी शुरुआत आरजेडी से हुई। आरजेडी से ही उनके पति भी नेता थे। अन्नपूर्णा देवी झारखंड के कोडरमा से सांसद चुनी गई हैं। वह पिछली मोदी सरकार में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री थीं। अन्नपूर्णा देवी 2019 में बीजेपी में शामिल हुई। उसके पहले वह आरजेडी के टिकट पर पांच बार विधायक रह चुकी थीं।
55 वर्षीय अन्नपूर्णा देवी नई मंत्रिपरिषद में सात महिलाओं में से एक हैं और निर्मला सीतारमण के अलावा दो महिला कैबिनेट मंत्रियों में से एक हैं। कोडरमा में सीपीआई (ML) लिबरेशन के विनोद कुमार सिंह के खिलाफ उनकी जीत का अंतर 3.77 लाख था। ये राज्य में बीजेपी के जीतने वाले उम्मीदवारों में सबसे अधिक था।
अन्नपूर्णा देवी ने 1998 में अपने पति की मृत्यु के बाद तत्कालीन अविभाजित बिहार में आरजेडी के टिकट पर कोडरमा विधानसभा उपचुनाव में सफलतापूर्वक चुनाव लड़कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। अन्नपूर्णा देवी ने आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में 2000, 2004, 2005 और 2009 में इस सीट से विधानसभा चुनाव जीता और 2012 में उन्हें झारखंड सरकार में मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
जानें अन्नपूर्णा देवी का प्रभाव
ओबीसी यादव समुदाय से आने वाली अन्नपूर्णा देवी का कोडरमा लोकसभा सीट के छह विधानसभा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव देखा जाता है। झारखंड में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। उन्होंने 2014 और 2019 के बीच झारखंड आरजेडी प्रमुख के रूप में कार्य किया, लेकिन 2019 में भाजपा में चली गईं। उस वर्ष पहली बार कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा चुनाव लड़ा, जहां उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के बाबूलाल मरांडी को 4.55 लाख वोटों से हराया।
एक सांसद के रूप में अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में कई बहसों में सक्रिय रूप से भाग लिया है। उन्होंने सरकार द्वारा बचाए गए बच्चों के कौशल विकास पर काम करने का आग्रह किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने माता-पिता के साथ फिर से मिल सकें।