संसद की सुरक्षा आज से CISF के हवाले, पहले सीआरपीएफ के पास था जिम्मा, जानें बदलाव के पीछे क्या है वजह
देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद की सुरक्षा आज से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) करेगी। अभी तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान संसद की सुरक्षा में लगे हुए थे। सीआरपीएफ के 1400 जवान इस सुरक्षा में तैनात थे। इनकी जगह लेने वाली सीआईएसएफ की टीम में कुल 3317 से अधिक जवान इसकी सुरक्षा करेंगे। CISF की पूरी टीम आंतकवाद रोधी समेत सभी सुरक्षा का काम देखेगी।
जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ के जवान नए और पुराने संसद भवन के अलावा पूरे परिसर की सुरक्षा करेंगे। सीआईएसएफ ने 20 मई को सुबह 6 बजे अपना कार्यभार सीआरपीएफ से लिया है। जिसके बाद टीम सुरक्षा का पूरा प्रभार संभालेगी। गौरतलब है कि पिछले साल 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई थी। उस दिन संसद शीत सत्र के शून्यकाल में दो लोग लोकसभा के दर्शक दीर्घा में कूद गए थे। उस दौरान संसद की सुरक्षा सीआरपीएस देख रही थी।
सीआरपीएफ के जवानों ने यादों को सहेजा
सीआरपीएफ जवानों ने परिसर छोड़ने से पहले सेल्फी और तस्वीरें लीं। इसको लेकर एक अधिकारी ने कहा कि 17 मई को परिसर छोड़ने से पहले पीडीजी जवानों ने अपनी यादों को सहेजने के लिए संसद भवन में सेल्फी और फोटों ली। इस दौरान कई जवान भाऊक भी हुए। उन्होंने लंबे समय तक संसद की सुरक्षा की थी।
संसद परिसर छोड़ने से पहले सीआरपीएफ के जवानों ने सीआईएसएफ कर्मियों को तैनाती से पहले व्यक्तिगत तलाशी, सामान की जांच, विस्फोटक सामग्री की जांच और उसके बारे में पता लगाना इसके साथ ही उससे निपटने के उपाय, आतंकरोधी त्वरित कार्यवाई, सार्वजनिक बातचीत समेत कई अन्य सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण दिया।
2001 में संसद पर हुआ था आतंकी हमला
इसके पहले साल 13 दिसंबर 2001 में संसद पर आंतकी हमला हुआ था उस समय भी संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ के जवान ही देख रहे थे। उस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवानों ने असाधारण वीरता दिखाई थी। इस दौरान एक जवान की शहादत भी हुई थी। इस हमले का दोषी कुख्यात आतंकी अफजल गुरु को देश की शीर्ष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।