18वीं लोकसभा का पहला दिन: अलग-अलग भाषाओं में शपथ, विपक्ष के हाथों में संविधान की कॉपियां, जानिए क्या-क्या रहा खास
Parliament Session: आज से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है। पहले दिन नए सांसदों ने शपथ ली। इस शपथ ग्रहण में सांसद अपने सांस्कृतिक रंगों में रंगे दिखाई दिए और भाषा की भी विविधता नजर आई। चुने गए सांसदों में से किसी ने संस्कृत में शपथ ली तो किसी ने डोगरी, बंगाली, असमिया और उड़िया भाषा का इस्तेमाल किया।
संसद के पहले सत्र में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक सांसद के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री ने हिंदी में शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने उन्हें शपथ दिलाई। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। जब पीएम मोदी शपथ ले रहे थे तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने जय श्री राम के नारे लगाए और इस नारे से पूरा सदन गूंज उठा। पीएम मोदी के अलावा हिंदी में शपथ लेने वालों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल थे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया और गोपी ने मलयालम में ली शपथ
ओडिशा के संभलपुर से सांसद और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया भाषा में शपथ ली। जैसे ही धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ लेना शुरू किया तो विपक्षी पार्टियों के सांसद ने नीट-नीट और शेम-शेम के नारे लगाने शुरू कर दिए। वहीं, दूसरी तरफ केरल से चुने गए भाजपा के एकमात्र सांसद सुरेश गोपी ने भी 18वीं लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। इस दौरान भी भाषाई विविधता झलकती हुई नजर आई। उन्होंने मलयालम भाषा में शपथ ग्रहण की।
श्रीपाद येसो नाइक ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। नाइक ने गोवा उत्तर लोकसभा सीट से छठी बार जीत हासिल की है। वहीं, सुकांत मजूमदार ने बांग्ला भाषा में शपथ ग्रहण की। पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने मराठी भाषा में शपथ ली। केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के उधमपुर से चुने गए सांसद जितेंद्र सिंह ने डोगरी में शपथ ली। सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया तो राममोहन नायडू ने तेलुगु भाषा में शपथ ली।
विपक्षी गठबंधन ने लहराई संविधान की प्रतियां
लोकसभा सांसद के रूप में जब पीएम मोदी का शपथ के लिए नाम पुकारा गया तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथ में लाल रंग की संविधान की मिनी-कॉपी थी। राहुल और अन्य विपक्षी सदस्य तब तक संविधान लहराते रहे जब तक मोदी ने शपथ नहीं ले ली। विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसद विरोध दर्ज कराने के लिए संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे। इससे पहले विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया था। अपनी कुर्सी से उठे और स्पीकर की कुर्सी के बगल में बनी जगह की ओर बढ़े तो कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी को संविधान की प्रति दिखाई।
प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए तीन विपक्षी सदस्यों को अध्यक्षों के पैनल में नामित किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी के तुरंत बाद अध्यक्षों के पैनल को शपथ दिलाई गई। सुरेश, बालू और बंद्योपाध्याय संसद में नहीं पहुंचे। फिर पैनल में दूसरे दो सदस्यों भाजपा के राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते को शपथ दिलाई गई।
कौन किस जगह पर बैठा
अब संसद में बैठने की बात की जाए तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तृणमूल नेता कल्याण बनर्जी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और अवधेश प्रसाद विपक्षी बेंच में पहली लाइन में बैठे हुए दिखाई दिए। वहीं, भारतीय जनता पार्टी की नेता और मंडी से सांसद कंगना रनौत आठवी लाइन में बैठीं। रामायण सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल नौंवी लाइन में बैठे। बीजेपी के नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तीसरी लाइन में बैठे हुए दिखाई दिए।
जेपी नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता चुना गया
भाजपा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। नड्डा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की जगह ली है। गोयल ने हाल ही में लोकसभा चुनाव जीता है और सोमवार को निचले सदन यानी लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। नड्डा के पास केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और उर्वरक तथा रसायन मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।