24 साल से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज लेकिन नहीं आती मातृभाषा, आखिर ओड़िया क्यों नहीं सीखते नवीन पटनायक?
बीजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं। 24 साल से भी अधिक समय से वह लगातार राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। पहली बार उन्होंने 5 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री का पद ग्रहण किया था और लगातार पांच बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। लेकिन उनके बारे में एक हैरान करने वाली जानकारी है।
नवीन पटनायक को नहीं आती ओड़िया भाषा
नवीन पटनायक ओडिशा जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री तो हैं लेकिन उन्हें वहां की मातृभाषा ओड़िया ही नहीं आती है। यह पढ़कर भी आप हैरान होंगे कि आखिर अगर उन्हें अपने राज्य की मातृभाषा नहीं आती तो वह अपनी जनता को अपनी बातें कैसे समझते होंगे और कैसे जनसभाओं को संबोधित करते होंगे। नवीन पटनायक की पार्टी के नेता अक्सर कहा करते हैं कि भले ही हमारे मुख्यमंत्री ओड़िया भाषा ना पढ़ पाते हो लेकिन वह लोगों के मन की भाषा अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं और इसी कारण उनकी लोकप्रियता चरम पर है।
अंग्रेजी में लिखा भाषण पढ़ते हैं सीएम
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जब भी नवीन पटनायक का भाषण लिखा जाता है तो उसकी लैंग्वेज रोमन अल्फाबेट (अंग्रेजी) होती है। भाषण लिखने वाले अधिकारी इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि उन्हें किसी भी शब्द के उच्चारण में कोई तकलीफ ना हो।
सीखने के लिए नियुक्त कर चुके हैं एक शिक्षक
1997 में जब नवीन पटनायक पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब उन्होंने ओड़िया भाषा में कहा था कि उन्हें इसे सीखने में थोड़ा वक्त लगेगा। हालांकि इसके बाद उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा। बीबीसी की ही रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 में जब नवीन पटनायक पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अंग्रेजी साहित्य के रिटायर्ड प्रोफेसर राजकिशोर मिश्रा को ओड़िया पढ़ने के लिए अपना शिक्षक नियुक्त किया। लेकिन उनकी कभी-कभार ही मुख्यमंत्री से मुलाकात हो पाई क्योंकि नवीन पटनायक अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त रहते थे।
बाद में प्रोफेसर राजकिशोर मिश्रा ने खुद ही अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कई एक्सपर्ट मानते हैं कि ओड़िया ना बोल पाना ही नवीन पटनायक की मजबूती भी है और उन्हें लगता है जिस दिन वह ओड़िया भाषा बोलने लगेंगे, उस दिन उनमें और दूसरे नेताओं में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। हालांकि जिस प्रकार से उन्हें चुनाव में जनसमर्थन मिलता है, इससे लगता नहीं की ओडिशा के लोग मुख्यमंत्री की भाषा को लेकर कुछ परेशानी महसूस करते हैं। अहम बात यह भी है कि नवीन पटनायक सरकार ने ही ओड़िया भाषा को शास्त्रीय भाषा की मान्यता दी है।
नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक ओडिशा के बड़े नेता थे। उनके निधन के बाद नवीन पटनायक ने राजनीति में कदम रखा। 1998 में उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में शामिल किया गया। उन्हें यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टील एंड माइनस का दायित्व सौंपा गया। वर्ष 2000 में राजनीति में आने के साथ ही नवीन पटनायक ने बीजू जनता दल की स्थापना कर दी थी और इसका गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ। पहले ही चुनाव में बीजेपी और बीजेडी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा और ओडिशा में पार्टी को बहुमत मिला।
सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बन पाएंगे नवीन पटनायक?
इसके बाद नवीन पटनायक 5 मार्च 2020 को पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने। राज्य में उनकी लोकप्रिय चरम पर थी और इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी उनकी पार्टी जीती और नवीन पटनायक मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते रहे। अब अगर नवीन पटनायक की पार्टी की चुनाव में जीत होती है और वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगे। सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन चामलिंग 24 साल 166 दिन मुख्यमंत्री रहे हैं। वहीं नवीन पटनायक का कार्यकाल 10 मई 2024 तक 24 साल 66 दिन का रहा है।