NEET-UG Exam: नीट की परीक्षा ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही केंद्र सरकार, पेपर लीक की टेंशन से मिलेगा छुटकारा
NEET-UG Exam: नीट पेपर लीक के चलते परीक्षा कराने वाली NTA से लेकर केंद्र सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं। छात्र दोबारा परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं और दूसरी ओर पेपर लीक करने वाले आरोपियों के खिलाफ सीबीआई एक्शन मोड में हैं। इन सबके बीच ही सरकार के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि केंद्र सरकार अगले साल से नीट की परीक्षा ऑनलाइन कराने पर विचार कर रही है और पेन-पेपर वाली परीक्षा के माध्यम को खत्म कर सकती है, जिससे सीधे तौर पर पेपर लीक की संभावनाएं खत्म हो जाएंगे।
बता दें कि नीट को लेकर सीबीआई फिलहाल जांच कर रही है और अब तक इस केस में 1 दर्ज से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। छात्र एनटीए से लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं अदालतों में जहां मामले की सुनवाई हो रही है, तो दूसरी ओर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इसको लेकर टकराव की स्थिति है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिया था सुझाव
वर्तमान में NEET एक वार्षिक पेन-एंड-पेपर MCQ परीक्षा है, जिसमें उम्मीदवारों को दिए गए विकल्पों में से अपना उत्तर चुनना होता है और इसे एक OMR शीट पर अंकित करना होता है, जिसे ऑप्टिकली स्कैन किया जाता है। इससे पहले भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने NTA को सुझाव दिया था कि इन परीक्षाओं को ऑनलाइन किया जाए। बता दें कि मेडिकल की यह परीक्षा NEET UG राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी NTA द्वारा आयोजित की जाती है।
गौरतलब है कि IIT और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन या जेईई एडवांस्ड की तरह ही कंप्यूटर-बीआरडी टेस्ट को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में बुलाई गई कम से कम तीन उच्च-स्तरीय बैठकों में इस पर चर्चा की गई।
केंद्र सरकार ने किया कमेटी का गठन
22 जून को केंद्र ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। इसके तहत इसरो अध्यक्ष के. राधाकृष्णन को परीक्षण प्रक्रियाओं और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की सिफारिश करने तथा एनटीए की संरचना और कार्यप्रणाली की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की गई है।
संयोग से 2018 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि 2019 से NEET ऑनलाइन और साल में दो बार आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा औपचारिक परामर्श के बिना इसकी घोषणा पर आपत्ति जताए जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय को यह निर्णय वापस लेना पड़ा। कंप्यूटर-बीआरडी टेस्ट से संबंधित स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता यह थी कि इससे गरीब और ग्रामीण छात्रों को नुकसान होगा।
कौन लेगा आखिरी फैसला
ऑनलाइन मोड पर स्विच करने का अंतिम फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को लेना है। NMC के ने भी माना कि ऑनलाइन परीक्षा एक गंभीर विकल्प है। इस बदलाव में चुनौतियां हैं क्योंकि कंप्यूटर-बीआरडी परीक्षण में सामान्यीकरण शामिल होता है, क्योंकि पेपर के कई संस्करण होंगे।