नीट पेपर लीक के पांच नए मामले सीबीआई के हवाले, बिहार-महाराष्ट्र-गुजरात और राजस्थान में नकल होने की मिली जानकारी
सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित गड़बड़ी के पांच नए मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिनकी जांच गुजरात, राजस्थान और बिहार की पुलिस कर रही थी। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजंसी ने गुजरात और बिहार से एक-एक मामला तथा राजस्थान से तीन मामलों को अपनी प्राथमिकी के तौर पर दोबारा पंजीकृत किया है, जबकि वह महाराष्ट्र के लातूर से गिरफ्तार शिक्षक के मामले को भी अपने हाथ में ले सकती है।अधिकारियों ने बताया कि बिहार के मामले को छोड़कर, अन्य चार मामले स्थानीय अधिकारियों, निरीक्षकों और अभ्यर्थियों द्वारा नकल और धोखाधड़ी की अलग-अलग घटनाएं प्रतीत होती हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से व्यापक जांच के लिए मिले संदर्भ पर सीबीआई ने पहले ही मामले के संबंध में अपनी प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
इन नए मामलों को अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई अब नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं से संबंधित कुल छह मामलों की जांच कर रही है। वहीं महाराष्ट्र के लातूर से आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने जिला परिषद स्कूल के एक शिक्षक को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) मामले में गिरफ्तार किया है और चार व्यक्तियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने सोमवार को बताया कि जांच में यह पता चला था कि ‘नीट-यूजी’ परीक्षा में सफल होने के लिए पैसे देने को इच्छुक छात्रों की मदद करने के वास्ते एक गिरोह चलाया जा रहा था। नांदेड़ एटीएस इकाई ने जिन चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनमें लातूर के दो शिक्षक, नांदेड़ का एक व्यक्ति और दिल्ली का एक निवासी शामिल हैं।
संजय तुकाराम जाधव और जलील खान उमर खान पठान (दोनों लातूर के शिक्षक), नांदेड़ के इरन्ना मशनाजी कोंगलवाव और दिल्ली निवासी गंगाधर के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि पठान को रविवार देर रात गिरफ्तार किया गया, जबकि अन्य तीन आरोपी फरार हैं।
नीट-यूजी का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजंसी (एनटीए) द्वारा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सीबीआइ ने पहली प्राथमिकी रविवार को दर्ज की थी, एक दिन पहले ही मंत्रालय ने घोषणा की थी कि वह परीक्षा के संचालन में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजंसी को सौंपेगा, यह मांग कई शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के एक वर्ग द्वारा उठाई गई थी।सीबीआइ के एक प्रवक्ता ने पहले कहा था कि शिक्षा मंत्रालय ने एजंसी से अभ्यर्थियों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है, जिसमें षड्यंत्र, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, विश्वासघात और साक्ष्यों को नष्ट करना शामिल है।