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महाराष्ट्र में BJP के 'दोस्त' को लगने वाला है बड़ा झटका? विपक्षी खेमे ने बताया बजट सत्र के बाद का प्लान

रोहित पवार ने यह भी दावा किया कि असंतुष्ट विधायक बजट सत्र के बाद एनसीपी (अजित पवार गुट) से अलग होंगे। उनका कहना है कि विधायक अपने-अपने क्षेत्र के लिए फंड्स के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: संजय दुबे
नई दिल्ली | Updated: June 18, 2024 13:17 IST
शरद पवार के पोते रोहित पवार का दावा है कि अजित पवार के विधायक जल्द ही उनसे अलग होंगे। (फाइल फोटो)
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महाराष्ट्र की राजनीति में लग रहा है कि कुछ बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। राज्य के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल अजित पवार वाले गुट के कई विधायक सरकार के साथ सहज नहीं है, लिहाजा वे पाला बदलने पर विचार कर रहे हैं। इसका दावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने किया है। उन्होंने सोमवार को मीडिया को बताया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी से कई विधायक सामूहिक रूप से अलग होंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि असंतुष्ट विधायक बजट सत्र के बाद एनसीपी (अजित पवार गुट) से अलग होंगे। उनका कहना है कि विधायक अपने-अपने क्षेत्र के लिए फंड्स के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद वे पार्टी से अलग होंगे।

विधायकों को लेकर रोहित पहले भी बयान दे चुके हैं

एनसीपी (शरद पवार) गुट के चीफ शरद पवार के पोते रोहित पवार ने कहा कि विधायक अगर पहले पार्टी छोड़ देंगे तो उन्हें अजित पवार का सामना करने में समस्या होगी। हालांकि विधायकों के असंतुष्ट होने और पार्टी छोड़ने पर विचार करने की चर्चा आदि को लेकर रोहित पहले भी बयान दे चुके हैं, लेकिन तब अजित पवार और राज्य एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने इसको सिर्फ अफवाह और निराधार बातें कही थी।

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विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर रोहित ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान एनसीपी (शरद गुट) ने कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) को अधिक सीटें दी थीं। उन्हें उम्मीद है कि दोनों सहयोगी दल भी इसी तरह का व्यवहार करेंगे और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को अधिक सीटें आवंटित करेंगे। हालांकि अंतिम फैसला तीनों दलों के शीर्ष नेता लेंगे।

इससे पहले अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने एनडीए में शामिल होने पर सवाल उठाने के लिए आरएसएस पत्रिका की आलोचना की थी। आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में एक लेख में अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को शामिल करने के बीजेपी-शिवसेना सरकार के फैसले की आलोचना की गई थी, जिसमें राजनीतिक शिष्टाचार और बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव पर सवाल उठाए गए हैं।

केंद्र में मोदी सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद में जगह को लेकर भी अजित पवार गुट की नाराजगी की चर्चा थी, हालांकि अजित पवार इससे इनकार करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सिर्फ राज्य के विकास के बारे में सोच रहे हैं।

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Tags :
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