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केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, RSS नेता की हत्या मामले में PFI के 17 आरोपियों को जमानत

Kerala High Court: RSS नेता के. एस. श्रीनिवासन की 16 अप्रैल, 2022 को पलक्कड़ शहर के मेलमुरी जंक्शन पर कथित तौर पर पीएफआई कैडरों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।
Written by: न्यूज डेस्क
तिरुअनंतपुरम | Updated: June 26, 2024 11:12 IST
केरल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला  rss नेता की हत्या मामले में pfi के 17 आरोपियों को जमानत
Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट। (एक्सप्रेस फाइल)
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Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट ने RSS नेता श्रीनिवासन के हत्या मामले में 26 आरोपियों में से 17 को जमानत दे दी। सभी आरोपी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) के सदस्य हैं। हालांकि, कोर्ट ने अन्य 9 आरोपियों को उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

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RSS नेता के. एस. श्रीनिवासन की 16 अप्रैल, 2022 को पलक्कड़ शहर के मेलमुरी जंक्शन पर कथित तौर पर पीएफआई कैडरों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। पुलिस द्वारा शुरू में जांच किए गए मामले को केंद्र सरकार से प्राप्त जानकारी के आधार पर NIA को सौंप दिया गया था।

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जानकारी से पता चला कि केरल में पीएफएई और उसके कार्यकर्ताओं ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने और अपने सदस्यों को केरल और देश के अन्य हिस्सों में आतंक मचाने की साजिश रची थी। श्रीनिवासन हत्याकांड उन घटनाओं में से एक थी। जिसके कारण पीएफआई को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था।

नामजद 51 आरोपियों में से 44 को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 7 फरार हैं। हिरासत में लिए गए लोगों में से एक की मौत हो चुकी है। NIAने मार्च 2023 में कोच्चि में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में मामले से संबंधित चार्जशीट दाखिल की थी। डिवीजन बेंच ने 9 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सबूतों से पुष्टि हुई है कि लोग हत्या में शामिल थे। कथित तौर पर उनकी हत्या में सीधे तौर पर संलिप्तता थी।

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जस्टिस ए. के. जय़शंकरन नांबियार और वी एम कुमार श्याम की पीठ NIA की स्पेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ आरोपियों द्वारा दायर अपीलों पर विचार कर रही थी।

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हाई कोर्ट ने कहा कि यह मानने के लिए कोई उचित आधार नहीं है कि अन्य 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप सही हैं। कोर्ट ने कहा कि उनमें से कुछ एक साल से ज्यादा वक्त से जेल में हैं और उनके केस का भविष्य में निष्कर्ष नहीं दिख रहा है।

कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जमानत पाने वालों को स्पेशल कोर्ट के सामने उपस्थित होना पड़ेगा, जो जमानत की शर्तें तय करेगी। पीठ ने जमानत के लिए कड़ी शर्तें भी लगाई हैं। आरोपियों को अपने मोबाइल फोन की जीपीएस लोकशन की स्थिति को 24 घंटे एक्टिव रखना होगा। उनके फोन के NIA जांच अधिकारी के फोन से जोड़ा जाएगा। ताकि अधिकारी किसी भी वक्त उनकी लोकेशन का पता लगा सकें। जमानत अवधि के दौरान उन्हें केवल एक मोबाइल नंबर यूज करने की परमिशन है। साथ ही स्पेशल कोर्ट की अनुमति के बिना राज्य नहीं छोड़ सकेंगे।

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