Mumbai billboard collapse: होर्डिंग गिरते रहेंगे, लोग मरते रहेंगे! BMC पर भारी पड़ रही ये गलती, आंखें मूंदे बैठे हैं अधिकारी
प्रतीप आचार्य
देश के सबसे अमीर नगर निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के पास देश की वित्तीय राजधानी में जगह-जगह लगे हजारों विशाल होर्डिंग की नियमित जांच-पड़ताल करने के लिए कोई आंतरिक विभाग नहीं है। निगम इस काम के लिए निजी एजेंसियों पर निर्भर है। इंडियन एक्सप्रेस को मिले दस्तावेजों के अनुसार 120 फीट गुणे 120 फीट का बिलबोर्ड - जो 13 मई को घाटकोपर में गिर गया था, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी और 75 अन्य घायल हो गए थे - एक निजी एजेंसी द्वारा फिजिकल ऑडिट किए जाने के बाद लगाया गया था।
ऑडिटर ने पिछले साल 24 अप्रैल को भावेश भिंडे की कंपनी ईगो मीडिया को एक प्रमाण पत्र जारी किया था, जिसने होर्डिंग लगाया था। इसमें कहा गया था कि बिलबोर्ड का संचालन सुरक्षित है। बाद में इस प्रमाण पत्र को गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (GRP) के सामने पेश किया गया, जिसके पास वह जमीन है जिस पर होर्डिंग लगाया गया था। अनुपालन प्रमाण पत्र होने के बावजूद एक साल के भीतर ही संरचना ढह गई।
संरचनात्मक ऑडिट भौतिक ढांचे की जांच है। बिलबोर्ड और होर्डिंग के मामले में, ऑडिट ढांचे की नींव की जांच करता है ताकि इसकी भार वहन करने की क्षमता और अधिकतम वायु-भार की तुलना की जा सके जो यह झेलता है।
इगो मीडिया को प्रमाण पत्र जारी करने वाले ऑडिटर को नोटिस जारी करते हुए नगर निगम के अधिकारियों ने ढांचे का तकनीकी निरीक्षण करने के लिए वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान (VJTI) को भी नियुक्त किया है, क्योंकि अधिकारियों ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि बिलबोर्ड पर्याप्त मजबूत नहीं था।