Emergency: 'आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में मोदी की नहीं थी कोई भूमिका', सुब्रमण्यम स्वामी का प्रधानमंत्री पर करारा हमला
Emergency: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमला बोला है। इस बार उन्होंने आपातकाल को लेकर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने एक पोस्ट के माध्यम से अपनी बात रखी। स्वामी का यह पोस्ट ऐसे वक्त आया है, जब आज आपातकाल के 49 साल पूरे हो चुके हैं और लोकसभा सत्र का आज दूसरा दिन है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'मोदी ने आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में कोई भूमिका नहीं निभाई। वे गुजरात में आरएसएस प्रचारक थे, जहां बाबूभाई के नेतृत्व वाली जनता मोर्चा की गुजरात सरकार के कारण अधिकांश समय आपातकाल नहीं था। उन्होंने कहा कि मोदी की एक बुरी आदत है कि जब उन्हें कोई श्रेय नहीं मिलता तो वे उसका श्रेय लेने की कोशिश करते हैं।'
वहीं पीएम मोदी ने इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। मोदी ने एक्स पर लिखा, 'जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी उसी पार्टी में मौजूद है, जिसने आपातकाल लगाया था। वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को अपने दिखावे के माध्यम से छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकार दिया है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल लगाने वाले लोगों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने का कोई अधिकार नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।'
मोदी ने कहा कि सत्ता पर काबिज रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया। कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया और परेशान किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। #DarkDaysOfEmergency हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।