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डीपफेक कंटेंट को चेक करने के लिए संसद में बिल ला सकती मोदी सरकार, सभी दलों से होगी चर्चा

संसद सत्र में यूट्यूब समेत विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों पर वीडियो को विनियमित करने के लिए भी कानून बनाया जाएगा।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | Updated: June 15, 2024 22:43 IST
डीपफेक वीडियो पर कानून ला सकती मोदी सरकार (Image Source: Pixabay)
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केंद्र की मोदी सरकार एआई डीपफेक वीडियोज और अन्य खतरनाक और फेक ऑनलाइन कंटेंट को रोकने के लिए संसद सत्र में बिल ला सकती है। इस बिल का नाम डिजिटल इंडिया बिल होगा। यह कानून आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग करने के बेहतर तरीके भी तलाशेगा। सरकार संसद में बिल पेश करने से पहले बिल पर एक क्रॉस-पार्टी सहमति प्राप्त करने का भी प्रयास करेगी।

24 जून से शुरू होगा सत्र

इसके अलावा संसद सत्र में यूट्यूब समेत विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों पर वीडियो को विनियमित करने के लिए भी कानून बनाया जाएगा। आगामी संसद सत्र जो 18वीं लोकसभा का पहला सत्र होगा, वह 24 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा। बाद में मानसून सत्र 22 जुलाई को शुरू होगा और संभवतः 9 अगस्त तक चलेगा।

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पिछले साल की शुरुआत में तत्कालीन केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी इस विधेयक के बारे में संकेत देते हुए कहा था कि इसे अगली सरकार द्वारा अधिनियमित और क्रियान्वित किया जाएगा।

राजीव चंद्रशेखर ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस के डिजीफ्रॉड एंड सेफ्टी समिट 2023 में कहा था, "दुर्भाग्य से मुझे नहीं लगता कि हम चुनाव से पहले विधायी विंडो हासिल कर पाएंगे, क्योंकि हमें निश्चित रूप से इसके आसपास बहुत सारे परामर्श और बहस और चर्चा की आवश्यकता है। लेकिन हमारे पास निश्चित रूप से एक रोडमैप है कि कानून क्या है, क्या है हमारे नीति लक्ष्य और सुरक्षा और विश्वास के लिए नीति सिद्धांत क्या हैं।"

क्या होता है डीपफेक तकनीक?

डीपफेक एक ऐसी तकनीक है जिसने भ्रामक या गुमराह करने वाली कंटेंट बनाने की इसकी क्षमता के बारे में चिंता जताई है। इसमें झूठी जानकारी का प्रसार, सार्वजनिक हस्तियों को दिखाने वाले वीडियो का निर्माण और व्यक्तिगत गोपनीयता पर हमला शामिल है। इस साल अप्रैल में मुंबई पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक डीपफेक वीडियो शेयर करने के आरोप में महाराष्ट्र युवा कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल और 16 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।इस फर्जी वीडियो में अमित शाह को कथित तौर पर एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण अधिकारों में कटौती की घोषणा करते देखा गया था।

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Tags :
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