मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं को भी मिलेगी 6 महीने की छुट्टी
Maternity Leaves Amendments: सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। अब सरकारी महिला कर्मचारी सरोगेसी से मां बनने पर भी छह महीने का मातृत्व अवकाश ले सकेंगी। केंद्र सरकार ने इस मामले में 50 साल पुराने नियम में संशोधन कर दिया है। मोदी सरकार ने सरोगेसी के मामले में महिला कर्मियों को 6 महीने के मातृत्व अवकाश की अनुमति देने के लिए नियमों में संशोधन किया।
बता दें कि सरोगेसी का मतलब किराए पर ली गई कोख के जरिये बच्चे को जन्म देना होता है। केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियमावली, 1972 में किए गए बदलावों के मुताबिक मां (सरोगेसी के जरिये पालने वाली मां) बच्चे की देखभाल के लिए अवकाश ले सकती है। इतना ही नहीं, पिता 15 दिन का पितृत्व अवकाश ले सकता है।
केंद्र सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार सरोगेसी के जरिये बच्चों को जन्म देने वाली मां और बच्चों को अपनाने वाले माता-पिता की छुट्टियों की जरूरत को देखते हुए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा कि अब सरोगेसी के मामलों में मातृत्व अवकाश 180 दिनों तक लिया जा सकेगा। केंद्रीय कर्मचारी जो सरोगेट है, उसे 180 दिनों तक छुट्टी मिल सकेगी।
पैटरनिटी लीव का भी किया प्रावधान
अब तक सरोगेसी के जरिये बच्चों की जन्म की स्थिति में महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने का कोई भी रूल नहीं था। अब नए नियमों में कहा गया कि सरोगेसी के जरिये से पैदा हुए बच्चे के मामले में, कमीशनिंग पिता अगर एक पुरुष सरकारी कर्मचारी है, जिसके कम से कम दो जिंदा बच्चे है, उसे बच्चे की डिलीवरी की तारीख से 6 महीने के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश (पैटरनिटी लीव) दी जा सकती है।
मौजूदा नियमों के अनुसार एक महिला सरकारी कर्मचारी और पुरुष सरकारी कर्मचारी को पूरे सेवाकाल के दौरान ज्यादा से ज्यादा 730 दिनों के लिए चाइल्ड केयर लीव की इजाजत है। इसमें दो बच्चों की देखभाल, शिक्षा और बीमारी सभी चीजें शामिल हैं। कार्मिक मंत्रालय ने संशोधित नियमों में साफ किया है कि सरोगेट मदर का मतलब वह महिला होगी जो कमीशनिंग मदर की ओर से बच्चे को जन्म देती है और कमीशनिंग पिता का मतलब सरोगेसी के जरिए पैदा हुए बच्चे का पिता होगा।