scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

ना सही डिग्री ना एक्सपीरियंस, मरीजों की जान भी डाली खतरे में… अब बख्शे नहीं जाएंगे 'फर्जी' डेंटिस्ट

डीसीआई के साथ रजिस्टर्ड 270,000 डेंटिस्ट्स हैं और ये संख्या दुनिया में सबसे अधिक है।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | Updated: June 16, 2024 17:37 IST
ना सही डिग्री ना एक्सपीरियंस  मरीजों की जान भी डाली खतरे में… अब बख्शे नहीं जाएंगे  फर्जी  डेंटिस्ट
फर्जी डेंटिस्ट्स पर कसा जाएगा शिकंजा
Advertisement

देश में अब फर्जी डेंटिस्ट्स पर शिकंजा कसने वाला है। बढ़ती शिकायतों के बाद डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) आवश्यक चिकित्सा योग्यता के बिना डेंटिस्ट्स के रूप में काम करने वाले व्यक्तियों और ऐसे लोगों को रोजगार देने वाले क्लीनिकों पर शिकंजा कसने की योजना बना रही है। देश में डीसीआई के साथ रजिस्टर्ड 270,000 डेंटिस्ट्स हैं और ये संख्या दुनिया में सबसे अधिक है।

Advertisement

कानूनी कार्रवाई का दिया गया आदेश

डेंटिस्ट बोर्ड ने स्टेट डेंटिस्ट परिषदों को निर्देश दिया है कि वे किसी भी व्यक्ति या व्यवसाय के खिलाफ डेंटिस्ट एक्ट 1948 और अपडेटड डेंटिस्ट (आचार संहिता) विनियम 2014 का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई करें और तुरंत काम बंद करने के आदेश जारी करें।

Advertisement

ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो दर्शाता हो कि डीसीआई या राज्य परिषदों ने पहले ऐसे व्यवसायों के खिलाफ कोई कार्रवाई की हो। मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, "नियामक ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे बिना लाइसेंस वाले चिकित्सकों से डेंटिस्ट प्रक्रिया कराने से जुड़े खतरों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाएं। यह भी अनिवार्य किया गया है कि की गई कार्रवाई और प्राप्त परिणामों की पूरी रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर दी जाए। अप्रशिक्षित और अपंजीकृत कर्मियों का उपयोग करना डीसीआई के मान्यता प्राप्त उल्लंघनों में से एक है।''

डीसीआई ने पिछले हफ्ते डेंटिस्ट परिषदों को सूचित किया कि उसने देखा है कि कुछ क्लीनिक मरीजों के घरों पर उपचार, दांतों की स्कैनिंग और एलाइनर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। डीसीआई के आदेश में कहा गया है, "कथित तौर पर ये सेवाएं उन व्यक्तियों द्वारा की जा रही हैं जो संबंधित राज्य डेंटिस्ट परिषदों के साथ डेंटिस्ट के रूप में रजिस्टर्ड नहीं हैं।"

Advertisement

आचार संहिता पर जोर

इसमें कहा गया है कि अपंजीकृत चिकित्सक मरीजों की सुरक्षा और पेशेवर मानकों को खतरे में डालते हैं। इसमें कहा गया है, ''रोगी के स्वास्थ्य की सुरक्षा और पेशेवर मानकों का रखरखाव सर्वोच्च प्राथमिकता है।'' इस कदम का दंत चिकित्सकों ने स्वागत किया। ग्रेटर नोएडा स्थित जीआईएमएस के डेंटिस्ट डॉ. राहुल सिंह ने कहा, ''यह एक अच्छा कदम है और सेवा देने वाले अप्रशिक्षित डेंटिस्ट्स की जांच की जानी चाहिए। डेंटिस्ट्स के अंतर्गत कई नई सेवाएं उभर रही हैं जो कॉस्मेटिक सेवाओं की तरह हैं और लोगों के बीच इसकी काफी मांग देखी जा रही है।"

Advertisement

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो