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मेधा पाटकर को 5 महीने की जेल, वीके सक्सेना को 10 लाख देने को भी कहा, जानिए क्या है मामला

न्यायाधीश राघव शर्मा ने कहा कि तथ्यों, नुकसान, उम्र और (आरोपी मेधा) बीमारी को ध्यान में रखते हुए मैं अत्यधिक सजा देने के इच्छुक नहीं हूं।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | Updated: July 01, 2024 19:21 IST
मेधा पाटकर को 5 महीने की जेल  वीके सक्सेना को 10 लाख देने को भी कहा  जानिए क्या है मामला
मेधा पाटकर को 5 महीने जेल की सजा
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दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने जेल की सजा सुनाई। एनजीओ नेशनल काउंसिल ऑफ सिविल लिबर्टीज के तत्कालीन अध्यक्ष वीके सक्सेना (वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल) ने 23 साल पहले एक मानहानि याचिका दायर की थी।

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मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने मेधा पाटकर को मानहानि का दोषी पाया और उन्हें वीके सक्सेना की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया। हालांकि,अदालत ने आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 (3) के तहत मेधा की सजा को 1 अगस्त तक निलंबित कर दिया है।

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प्रोबेशन की शर्त पर रिहा करने की मेधा पाटकर की रिक्वेस्ट को खारिज करते हुए न्यायाधीश राघव शर्मा ने कहा, "तथ्यों, नुकसान, उम्र और (आरोपी मेधा) बीमारी को ध्यान में रखते हुए मैं अत्यधिक सजा देने के इच्छुक नहीं हूं।"

कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मेधा पाटकर ने कहा, ''सच्चाई को कभी हराया नहीं जा सकता। हमने किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की है, हम सिर्फ अपना काम करते हैं। हम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे।''

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मेधा पाटकर और वीके सक्सेना के बीच 2000 से कानूनी विवाद चल रहा है। सक्सेना ने मेधा के नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया था। यह मामला जनवरी 2001 का है, जब वीके सक्सेना ने आरोप लगाया था कि मेधा पाटकर ने 25 नवंबर 2000 को 'देशभक्त का सच्चा चेहरा' टाइटल से एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी। इसमें सक्सेना उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से झूठे आरोप लगाए गए थे। उस समय सक्सेना अहमदाबाद स्थित एनजीओ के प्रमुख थे।

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