मायावती की नजरों में 'अपरिपक्व' भतीजे आकाश आनंद को फिर BSP में मिली अहम जिम्मेदारी
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के वक्त उस समय सभी को हैरान कर दिया था जब उनकी तरफ से अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर के पद से हटा दिया था। यहां तक कहा गया था कि वे अपरिपक्व है। अब उसी भतीजे को मायावती ने फिर अहम जिम्मेदारी देने का फैसला किया है। असल में आने वाले महीनों में उत्तराखंड और पंजाब में उपचुनाव होने हैं, वहां पर स्टार प्रचारकों में आकाश आनंद को भी शामिल किया गया है।
आकाश से क्यों बनाई गई थी दूरी?
बड़ी बात यह है कि मायावती के बाद दूसरे नंबर पर उन्हीं का नाम लिखा हुआ है, यानी कि पार्टी में नंबर 2 की पोजीशन उनकी बनी हुई है। जानकार मानते हैं कि यह एक तरह से सियासत में आकाश आनंद की वापसी है जिन्हें पहले बिना किसी ठोस कारण के बसपा के सियासी कार्यक्रमों से दूर कर दिया गया था। आकाश आनंद को लेकर कहा जाता है कि वे जोशीले अंदाज में भाषण देते हैं, ऐसे मुद्दों को उठाते हैं जो सीधे युवाओं से कनेक्ट कर जाएं।
यूपी में रैलियों के दौरान क्या हुआ था?
लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में उनका प्रचार कोई भूला नहीं है जहां पर बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आ रहे थे। आकाश भी लगातार अपनी आक्रमक शैली में जनता से संपर्क साध रहे थे। लेकिन उनके कुछ बयान ऐसे रहे कि उन पर FIR दर्ज हो गई, बसपा को सफाई देना भी मुश्किल हो गया। बस उसी वजह से मायावती ने चुनावी मौसम में बड़ा फैसला लेते हुए आकाश आनंद को राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर के पद से हटा दिया, उन्हें अपना उत्तराधिकारी मानने से भी इनकार किया।
मायावती की रणनीति समझिए
ऐसा कहा जाता है कि मायावती नहीं चाहती थी किं आकाश आनंद अपने सियासी करियर के शुरुआत में ही विवादों में फंस जाए। वे यह भी नहीं चाहती थीं कि बसपा की हार का सारा ठीकरा उनके सिर आए। ऐसे में ठीक समय पर उन्होंने आकाश को एक तरह से बचाने का काम किया और सही समय में फिर उनकी एंट्री सियासत में करवाई। अब स्टार प्रचारक के रूप में आकाश आनंद की जिम्मेदारी फिर पार्टी को मजबूत करने की रहने वाली है। इसके ऊपर जमीन पर किस तरह से फिर वोटरों को साधा जाए, यह काम भी आकाश को देखना पड़ेगा।