scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

हारी तो पार्टी जीता तो परिवार… आकाश आनंद की री एंट्री में छिपी मायावती की रणनीति

मायावती की तरफ से अपने भतीजे को अपरिपक्व बता दिया गया। अब यह वो कारण था जो सोशल मीडिया पर सामने आया, जो दुनिया के लिए मायावती ने जारी किया। लेकिन क्या असल में भी इसी कारण को सबसे बड़ा माना जाए?
Written by: Sudhanshu Maheshwari
नई दिल्ली | Updated: June 23, 2024 21:41 IST
हारी तो पार्टी जीता तो परिवार… आकाश आनंद की री एंट्री में छिपी मायावती की रणनीति
मायावती की रणनीति समझिए
Advertisement

बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय कोओर्डिनेटर बना दिया है। दो महीने पहले जिस पद को खुद मायावती ने अपने भतीजे से छीना था, अब आशीर्वाद देकर उसे फिर वापस करने का काम हुआ है। अब दो महीने में ऐसा क्या हुआ कि बसपा प्रमुख का मन बदल गया, उनका दिल पसीज गया? सवाल तो यह भी उठता है कि क्या आकाश आनंद फर्श पर आ चुकी बसपा को फिर अर्श पर ले जा सकते हैं, क्या वे फिर दलित राजनीति में बहुजन समाज पार्टी को उसका पुराना स्थान दिलवा सकते हैं?

आकाश से क्या गलतियां हुई थीं?

अब इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे, लेकिन पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर आकाश आनंद को दो महीने पहले मायावती ने क्यों कोओर्डिनेटर पद से हटा दिया था। असल में लोकसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद ने सबसे ज्यादा प्रचार उत्तर प्रदेश में किया था। वहां पर उनकी तरफ से जो रैलियां की गई थीं, उनमें काफी भीड़ आई, लोगों ने उनकी बातों को ध्यान से सुना। अब शुरुआती करियर में इतनी बड़ी भीड़ देख कई बार आकाश अति उत्साहित दिखाई पड़े, उस उत्सुकता में कई बार उन्होंने शब्दों की मर्यादा का भी ध्यान नहीं रखा। बीजेपी को लेकर उन्होंने 'आतंक की सरकार' जैसे वाक्यों का इस्तेमाल कर दिया। इतना बवाल हुआ कि उस बयान को लेकर FIR तक दर्ज हुई। यह विवाद थम जाता अगर आकाश उस गलती से समझ जाते, लेकिन उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर दूसरी रैली में 'जूते मारने का मन' जैसे शब्दों का प्रयोग कर दिया।

Advertisement

दुनिया के लिए अपरिपक्व, मायावती के लिए?

अब यह कुछ ऐसे बयान थे जो मायावती की राजनीति के सख्त खिलाफ है। जो मायावती आज भी कागज देखकर कुछ भी पड़ती हैं, उनकी राजनीति में इस तरह की बेलगाम भाषा की कोई जगह नहीं। इसी वजह से जब इन बयानों को देखते हुए मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी मानने से इनकार किया था, उनकी तरफ से अपने भतीजे को अपरिपक्व बता दिया गया। अब यह वो कारण था जो सोशल मीडिया पर सामने आया, जो दुनिया के लिए मायावती ने जारी किया। लेकिन क्या असल में भी इसी कारण को सबसे बड़ा माना जाए?

आकाश को हटाना उन्हें बचाने के लिए?

जानकार तो ऐसा नहीं मान रहे हैं। उनकी नजरों में असल में मायावती ने कुछ समय के लिए आकाश आनंद को पद से हटाकर उन्हें बचाने का काम किया है। आकाश आनंद को सियासत में आए ज्यादा समय नहीं हुआ है, ऐसे में अगर हार का ठीकरा पूरी तरह आकाश आनंद पर फूटता तो उनके राजनीतिक भविष्य पर कई सवाल उठ जाते, उनकी काबिलियत को लेकर पार्टी के अंदरखाने ही चर्चा शुरू हो जाती। ऐसे में उस फजीहत से बचाने के लिए मायावती ने पहले ही आकाश को इन सब विवादों से दूर कर दिया। इसी वजह से इस बार जब बसपा का यूपी में खाता तक नहीं खुला, हार का कारण आकाश आनंद को नहीं माना गया, बल्कि मायावती ने सामने से आकर मुस्लिम समाज के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की।

Advertisement

कैसे बना आकाश के समर्थन में माहौल?

यह बताने के लिए काफी है कि आकाश आनंद को किसी भी तरह से हार के लिए जिम्मेदार नहीं बताया गया। इसके ऊपर बाद में ऐसी खबरें भी आईं कि आकाश को हटाने की वजह से पार्टी को नुकसान हुआ, माना उनका अंदाज आक्रमक था, लेकिन वर्तमान राजनीति के लिहाज से वो बसपा के कोर वोटरों के साथ मजबूती से जुड़ रहे थे। यह नेरेटिव भी मायावती और उनके करीबियों ने सेट किया जिससे वापस आकाश के समर्थन में माहौल बन जाए और उनकी री एंट्री में कोई चुनौती ना आए।

Advertisement

परिवार वाली पार्टियों की पुरानी आदत

अब इस प्रकार की राजनीति सबसे ज्यादा उन पार्टियों में देखने को मिलती है जहां पर किसी एक परिवार का दबदबा ज्यादा रहे। उन पार्टियों में देखा जाता है कि अगर किसी चुनाव में जीत मिल जाए तो उस सियासी परिवार की जमकर तारीफ होगी, लेकिन अगर हार हो जाए तो उसका क्रेडिट उस परिवार से ज्यादा पार्टी और जमीनी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा। यह प्रवृति कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी तक में समय-समय पर दिख चुकी है। अब माना जा रहा है कि मायावती ने भी उसी दांव के तहत आकाश आनंद के पॉलिटिकल करियर को बचाने का काम किया है।

वैसे अगर बहुजन समाज पार्टी के पिछले कुछ चुनावों के वोट शेयर पर नजर दौड़ाएं, उससे भी पता चलता है कि पार्टी को अब नए चेहरे, नई रणनीति और नए अंदाज की बहुत जरूरत है।

सालसीटेंवोट शेयर
19991422.08%
20041924.67%
20092027.42%
2014019.62
20191019.26
लोकसभा चुनाव में बसपा का प्रदर्शन

चंद्रशेखर की दलित पॉलिटिक्स से पार पाना चुनौती

अब यह आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि पिछले 15 सालों में मायावती की पार्टी का जनाधार कमजोर होता चला गया है। इसके कारण कई हैं, लेकिन फिर पटरी पर लौटने के लिए नए चेहरे, नई रणनीति और नए जोश की जरूरत है। ऐसा माना जा रहा है कि आकाश आनंद अपने आक्रमक अंदाज से पार्टी के कोर वोटरों को फिर साथ जोड़ सकते हैं। इसके ऊपर आकाश की जरूरत अब बहुजन समाज पार्टी को इसलिए भी पड़ने वाली है क्योंकि काफी कम समय में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने दलित वोटरों के बीच अपनी पैठ को मजबूत कर लिया है।

नगीना में भीम आर्मी का खेल, बसपा को संदेश

इस बार के लोकसभा चुनाव में आरक्षित सीट नगीना जीतकर चंद्रशेखर ने कमाल कर दिया। जो सीट बसपा की मानी जाती थी, जहां पर दलितों और मुस्लिमों का अच्छा खासा समीकरण था, वहां पर सबसे बड़ी सेंधमारी कर चंद्रशेखर जीत हासिल की। कहने को वो एक ही सीट है, लेकिन वहां पर बसपा को चौथे पायदान पर पहुंचा देना मायने रखता है। यह बताता है कि दलित वोटरों के बीच में चंद्रशेखर की लोकप्रियता बढ़ रही है। ऐसे में अगर उस ट्रेंड को तोड़ना है, आकाश आनंद को जमीन पर मजबूती से काम करना पड़ेगा।

नए वोटरों को साथ जोड़ पाएंगे आकाश?

बसपा आकाश पर ज्यादा भरोसा इसलिए जता सकती है क्योंकि चंद्रशेखर की तरह वे भी युवा हैं, आक्रमक अंदाज में भाषण देते हैं। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच में आने वाले समय में तगड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। आकाश का बीएसपी के लिए ज्यादा अच्छा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि मायावती अब सिर्फ दलित वोटबैंक के दम पर राजनीति नहीं कर सकती है, उन्हें कई दूसरे समूहों में सेंधमारी करनी पड़ेगी। इसमें युवाओं का वोट निर्णायक साबित हो सकता है, ऐसे में आकाश आनंद की ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी भी यही रहने वाली है।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो