लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की हार से बीजेपी ने क्या 3 सबक लिए?
लोकसभा चुनाव में इस बार बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा। कहने को एनडीए की केंद्र में सरकार बनी, लेकिन बीजेपी को अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं हुआ। बड़ी बात यह रही कि 48 सीटों वाले महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। उसकी सीटों का खाता मात्र 9 पर सिमट गया, वही पूरी एनडीए सिर्फ 17 सीटें जीत पाई। अब इस प्रकार के चुनावी नतीजों के बाद बीजेपी ने 3 बड़े सबक सीख लिए हैं।
घर-घर चलो अभियान होगा शुरू
पार्टी ने समझा है कि उसे एक तो अपनी योजनाओं को लेकर जमीन तक जाना होगा, सरकार के कामकाज का ठीक तरह से प्रचार करना होगा और कुछ जातीय समीकरण भी सटीक अंदाज में साधने होंगे। अभी के लिए चुनावी हार के बाद बीजेपी ने 'घर घर चलो अभियान' शुरू कर दिया है। इस मुहिम के जरिए वोटरों को एक बार फिर साधने का काम किया जाएगा। शुक्रवार को पार्टी की अहम मीटिंग में इस मुहिम पर गहन चर्चा की गई।
दलितों को साधना चुनौती
इस बार के चुनाव में क्योंकि बीजेपी को दलित वोट भी कम मिला है, ऐसे में वहां भी रणनीति में बदलाव देखने को मिलने वाला है। ऐसी खबर है कि घर-घर चलो अभियान के जरिए ही महाराष्ट्र में बीजेपी दलित, आदिवासी और मराठा समुदाय के बीच में फिर जगह बनाने की कोशिश करेगी। इसके अलावा मराठाओं की आरक्षण की मांग को लेकर भी नए सिरे से काम किया जाएगा।
मराठाओं को मनाना जरूरी
चंद्रकांत पाटिल की अगुवाई में एक पैनल का गठन किया जा चुका है, अब बस सभी जिलों में जाकर मराठा संगठनों से बातचीत करनी है, पार्टी के प्रति फिर उनमें विश्वास पैदा करना है। पार्टी इस प्रकार का नेरेटिव भी सेट करना चाहती है कि 2018 में फडणवीस के सीएम रहते हुए ही आरक्षण का रास्ता साफ हुआ था, लेकिन उद्धव सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसे खत्म कर दिया। इस नेरेटिव के सहारे ही पार्टी खोई हुई जमीन पर फिर मजबूत होना चाहती है।
वोट शेयर का सारा खेल, वापसी करेगी बीजेपी?
बीजेपी नेताओं की मीटिंग में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि आगामी चुनाव में संविधान बचाने वाले विपक्षी प्रचार ने पार्टी को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया है, दलित वोट पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। ऐसे में यहां भी एक बड़े परिवर्तन और बदलाव की दरकार पार्टी को साफ दिखाई दे रही है। देवेंद्र फडणवीस तो मानते हैं कि अगर कुछ चीजें ठीक कर ली जाएं तो अभी भी बीजेपी आसानी से वापसी कर सकती है। उनका साफ कहना है कि महा विकास अघाड़ी और उनके गठबंधन के वोट शेयर में मामूली सा अंतर है।
एकजुट हो रहा महा विकास अघाड़ी
उस अंतर को आसानी से पाटा जा सकता है और बदली ही रणनीति के साथ विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है। वैसे बीजेपी की तरफ से यह नई रणनीति उस समय बनाई जा रही है कि महा विकास अघाड़ी ने विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ने का ऐलान कर दिया है। दोनों शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने फिर साथ में ही चुनाव लड़ने का मन बनाया है, यानी कि कांग्रेस, उद्धव गुट और पवार गुट फिर एकजुट अंदाज में बीजेपी से टक्कर लेने वाला है।