लोकसभा चुनाव में कम सीटों से किया संतोष, लेकिन विधानसभा चुनाव में…', शरद पवार ने सीट शेयरिंग को लेकर दिए बड़े संकेत
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसकी तैयारियों में सभी सियासी दल जुट गए हैं। इसी बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) ने एमवीए में सीट शेयरिंग को लेकर अपनी पार्टी का रूख साफ कर दिया है। लोकसभा इलेक्शन में शरद पवार की पार्टी एमवीए सहयोगियों की तुलना में कम सीटों पर इलेक्शन लड़ने पर राजी हो गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में स्थिति कुछ अलग होगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के मुखिया ने पुणे शहर में दो मीटिंग की थी। पहली बैठक जिले के पार्टी अधिकारियों के साथ थी, तो दूसरी एमएलए और चुने गए सांसदों के साथ में थी। पहली मीटिंग में शामिल हुए पुण शहर एनसीपी (SP) चीफ प्रशांत जगताप ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव सिर्फ इसलिए लड़ा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रहे। शरद पवार ने इस ओर संकेत दिए हैं कि विधानसभा चुनाव में स्थिति अलग होने वाली है।
इन विधानसभा सीटों पर फोकस
प्रशांत जगताप ने आगे बताया कि एनसीपी (शरद पवार) प्रमुख ने पुणे, बारामती, मावल और शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले विधानसभा क्षेत्रों को लेकर बात की। दूसरी मीटिंग में हिस्सा लेने वाले एक दूसरे नेता ने जानकारी देते हुए बताया कि शरद पवार ने सांसदों और विधायकों से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा है।
एनसीपी कितनी सीटें मांगेगी
बैठक के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि वह सीट बंटवारें में कितनी सीटों की मांग करेगी। अब देखना है कि सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे की पार्टी और कांग्रेस क्या रुख अपनाती है। एनसीपी (SP) के एक अन्य वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एमवीए में कोई बड़ा भाई और छोटा भाई नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां पर सभी बराबर हैं।
अजित पवार गुट के नेताओं में घबराहट
देशमुख ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के विधायकों में काफी घबराहट है और उनमें से कुछ पाटिल और अन्य एनसीपी नेताओं को फोन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देखते हैं कि उनके साथ क्या किया जाना है। जहां एनसीपी (SP) ने 10 सीटों पर चुनाव लड़कर आठ लोकसभा सीटें जीतीं, वहीं अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने चार सीटों पर चुनाव लड़कर केवल एक सीट जीती। बता दें कि महाराष्ट्र में इस समय बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) की सरकार है। प्रदेश की विधानसभा में करीब पांच साल हलचल देखने को मिली है। शिवसेना दो हिस्सों में बंट चुकी है और एनसीपी भी दो भागों में बिखर चुकी है।