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'पिछली सरकार के 17 मंत्री हारे, PM मोदी कहते थे एक अकेला सब पर भारी लेकिन अब…', राज्यसभा में खड़गे का बड़ा हमला

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहला चुनाव था, जिसका मुद्दा संविधान की रक्षा करना था।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: July 01, 2024 13:39 IST
एलओपी राज्यसभा श्री मल्लिकार्जुन खड़गे (Photo : PTI)
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राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। खड़गे ने कहा कि विपक्ष नीट पेपर लीक, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बोलना चाहता है लेकिन पीएम मोदी मंगलसूत्र और मुजरा की बात करते हैं। उन्होंने कहा, "राज्‍यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा था क‍ि एक अकेला सब पर भारी।  मैं ये पूछना चाहता हूं एक अकेले पर आज क‍ितने लोग भारी हैं। चुनावी नतीजों ने द‍िखा द‍िया है देश का संव‍िधान और जनता सब पर भारी हैं।"

इस दौरान खड़गे ने कहा कि 15 व‍िभ‍ू‍तियों की मूर्त‍ियां हटाकर पीछे कर दी हैं। आजादी द‍िलाएं महात्‍मा गांधी, अंबेडकर जी और हमने छत्रपत‍ि श‍िवाजी की मूर्त‍ि हटाकर पीछे कर दी हैं। जिसका जवाब किरेन रिजिजू ने दिया।

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मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण की अहम बातें

  1. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहला चुनाव था, जिसका मुद्दा संविधान की रक्षा करना था। BJP ने 400 पार का नारा दिया था। उनके नेताओं ने तो 400 पार होने पर संविधान बदलने की बात भी कही थी।
  2. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा--"मोदी सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने में माहिर है। यह सदी भारत की सदी है और आने वाला दौर भारत का है। इस बात से किसी को इनकार नहीं हो सकता है। लेकिन 10 साल का हमारा तजुरबा यह है कि, यह सब बातें सिर्फ भाषणों में ही रही है। इसका जमीन पर अमल नहीं हुआ है। संविधान ने हमें एडल्ट फ्रैंचाइज़ का अधिकार दिया, लेकिन इस बार चुनाव में मतदान 2019 के तुलना में काफी कम हुआ। चुनाव के दौरान ग्रामीण मतदाताओं ने अधिक उत्साह से भाग लिया, इसलिए मैं इनको धन्यवाद देता हूं। सभापति जी ने कहा था कि प्रजातंत्र में प्रजा ही मालिक और सर्वोपरि है और मैं इससे सहमत हूं।"
  3. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कहा-- "उनका भाषण संसद का सबसे अहम हिस्सा हैं। हम उनका बहुत सम्मान करते हैं। अभिभाषण का कंटेट सरकारी होता है। सरकारी पक्ष को इसे विजन स्टेटमेंट बनाना था। चुनौतियों से कैसे निपटेंगे, ये बताना जरूरी था, लेकिन उसमें ऐसा कोई कंटेंट नहीं है। इस साल राष्ट्रपति जी का पहला अभिभाषण 31 जनवरी जो हुआ था और दूसरा अभिभाषण 27 जून को हुआ। पहला अभिभाषण चुनावी था और दूसरा भी वैसा ही है। इसमें न दिशा है, न कोई विजन है।
  4. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें भरोसा था कि राष्ट्रपति जी संविधान और लोकतंत्र की चुनौतियों पर कुछ बातें जरूर रखेंगी। सबसे कमजोर तबकों को ठोस संदेश देंगी। लेकिन हमें घोर निराशा हुई कि इसमें गरीबों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं है। पिछली बार की तरह ये सिर्फ तारीफ का पुल बांधने वाला अभिभाषण है।
  5. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अग्निवीर जैसी अनियोजित और तुगलकी योजना लाकर युवाओं का मनोबल तोड़ दिया गया है। मैं मांग करता हूं कि अग्निवीर योजना को खत्म किया जाना चाहिए।
  6. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा--"विपक्ष को सदन में अपनी बाते रखने के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा, क्योंकि BJP की सोच थी कि संसद में कोई विपक्ष न हो। अगर इनकी सोच ऐसी न होती तो 17वीं लोकसभा में पहली बार डिप्टी स्पीकर का पद खाली न होता। इसी सदन में प्रधानमंत्री ने कहा था - एक अकेला सब पर भारी। इसलिए मैं आज पूछना चाहता हूं- आज एक अकेले पर कितने लोग भारी हैं? चुनावी नतीजे ने दिखा दिया है कि देश का संविधान और जनता सब पर भारी है। लोकतंत्र में अहंकारी नारों की कोई जगह नहीं है।"
  7. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा--"नरेंद्र मोदी हमेशा महिलाओं और गरीबों की बात करते हैं। लेकिन मणिपुर एक साल से जल रहा है, वह आज तक वहां नहीं गए। मोदी जी, आप विदेशों में गए, चुनावी रैलियां की, लेकिन मणिपुर क्यों नहीं गए? वे कहते हैं- सबका साथ, सबका विकास। लेकिन आपने सिर्फ कुछ लोगों का साथ दिया और गरीबों का सत्यानाश कर दिया।"
  8. राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरएसएस पर भी निशाना साधा और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि आरएसएस एक मनुवादी संस्था है। इसकी विचारधारा देश के लिए खतरनाक है। भारत के संस्थानों पर आरएसएस का कब्जा हो रहा है। इसके बाद सदन में हंगामा खड़ा हो गया।
  9. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभाओं में कहा कि पिछले 10 साल केवल ट्रेलर था, अभी असली पिक्चर बाकी है। पिक्चर कैसी होगी, इसका अंदाजा पिछले एक महीने में हुए कामों को देखकर लगा सकते हैं। तमाम परीक्षाओं में पेपर लीक और परीक्षा रद्द के कारण लाखों छात्रों का भविष्य तबाह हो चुका है।
  10. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले दस साल से विपक्ष प्रधानमंत्री जी को यही कह रहा है- सिर्फ नारे मत दीजिए, कुछ काम भी कीजिए।प्रधानमंत्री जी ने नारे दिए थे।अच्छे दिन आएंगे, आत्मनिर्भर भारत, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सबका साथ-सबका विकास, 400 पार-- ये नारे हैं और नारे देने में प्रधानमंत्री जी माहिर हैं। नरेंद्र मोदी सिर्फ नारे देकर और मीठी-मीठी बातें बोलकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
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