26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव, बीजेपी-जेडीयू या टीडीपी, किस पार्टी की कितनी मजबूत दावेदारी?
देश में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बन गई है। पीएम मोदी ने 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके मंत्रिमंडल में कुल 71 मंत्री शामिल हैं। वहीं अब सभी की नजरें लोकसभा के स्पीकर चुनाव पर टिकी हुई हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। लोकसभा स्पीकर का चुनाव 26 जून को होगा।
27 को राष्ट्रपति संसद में देंगी अभिभाषण
इसके बाद 27 जून को संसद के दोनों सदनों को राष्ट्रपति संबोधित करेंगी। 27 जून को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति का अभिभाषण शुरू होगा। यानी राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले लोकसभा के सभी सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी और नया स्पीकर भी चुन लिया जाएगा। 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर सभी नए सांसदों को शपथ दिलवाएंगे।
कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि लोकसभा अध्यक्ष का पद एनडीए के किस दल को मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष का पद भाजपा अपने पास ही रखेगी। यानी 18वीं लोकसभा में भी स्पीकर भारतीय जनता पार्टी का ही होगा। बीच-बीच में खबरें आई थी कि भाजपा के सहयोगी दल TDP और JDU स्पीकर का पद मांग रहे हैं। लेकिन सहयोगी दलों ने साफ किया है कि उन्होंने किसी प्रकार की कोई मांग नहीं की है।
बीजेपी के पास अकेले दम पर पूर्ण बहुमत नहीं
बीजेपी जल्द ही स्पीकर के नाम का चयन करेगी और उसके बाद इसे एनडीए की बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद सभी दल इस पर सहमति जताएंगे और फिर लोकसभा में वह नाम रखा जाएगा, जिस पर वोटिंग हो सकती है। 2014 में एनडीए ने सुमित्रा महाजन को स्पीकर चुना था तो वहीं 2019 से 2024 तक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे। हालांकि 2014 और 2019 दोनों ही चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर पूर्ण बहुमत मिला था। इस बार बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है।
कौन कौन है दावेदार?
अगर बीजेपी के अलावा एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद को लेकर दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं, तो तीन नाम सबसे अधिक उभर कर सामने आ रहा है। बीजेपी के 7 बार के सांसद राधा मोहन सिंह का नाम भी स्पीकर पद के लिए है। तो वहीं पिछले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का नाम भी सुर्खियों में है और वह भी दोबारा स्पीकर बन सकते हैं। वहीं तीसरा नाम जो सुर्खियों में छाया हुआ है वह भाजपा की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी का है। वह सांसद बनी हैं और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी की बहन हैं। माना जा रहा है कि उन्हें टीडीपी भी आसानी से स्वीकार कर लेगी।