Lok Sabha Speaker: विपक्ष के लोकसभा स्पीकर उम्मीदवार बनाए जाने के बाद के.सुरेश का पहला बयान
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सभी दलों में सहमति नहीं बन पाने की वजह से विपक्ष ने सत्ता पक्ष के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया है। विपक्ष से कांग्रेस नेता के. सुरेश उम्मीदवार हैं। अपना नामांकन करने के बाद उन्होंने कहा, "लोकसभा में एक परंपरा है… अध्यक्ष सत्तारूढ़ दल का होगा और उपाध्यक्ष विपक्ष का होगा। उन्होंने लोकसभा के पिछले दो कार्यकालों में हमें यह कहकर नकार दिया कि आप मान्यता प्राप्त विपक्ष नहीं हैं। अब हम मान्यता प्राप्त विपक्ष हैं। उपाध्यक्ष का पद हमारा अधिकार है, लेकिन वे हमें देने को तैयार नहीं हैं। हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया और इसीलिए हमने (अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन) दाखिल किया।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. सुरेश हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मावेलिक्कारा सीट से 8वीं बार जीत हासिल की है। वह केरल में कांग्रेस के एक दलित चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं।
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने विपक्ष की ओर से ऐलान किया कि सत्ता पक्ष ने विपक्ष की मांगे नहीं मानी, इसलिए के. सुरेश को लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा गया है। के. सुरेश ने सत्ता पक्ष की ओर से स्पीकर पद के लिए दोबारा उम्मीदवार बनाए गये ओम बिरला के खिलाफ अपना नामांकन किया।
विपक्ष का आरोप है कि सत्ता पक्ष की ओर से आम सहमति से स्पीकर का निर्विरोध निर्वाचित का आग्रह किया गया था, लेकिन उन्होंने लोकसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए उनकी मांग को नहीं स्वीकारा। ऐसे में विपक्षी नेताओं ने सर्वसम्मति से के. सुरेश का नामांकन करा दिया। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आजाद भारत में कभी चुनाव नहीं हुआ। यह हमेशा से आम सहमति से निर्वाचित होते रहे हैं। अगर दोनों उम्मीदवारों में से किसी एक ने अपना नाम वापस नहीं लिया तो 26 जून बुधवार को मतदान कराया जाएगा।