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इंडिया गठबंधन में दरार? स्पीकर चुनाव को लेकर TMC बोली - कांग्रेस ने हमसे नहीं ली सलाह

Lok Sabha Speaker: टीएमसी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने फैसला लेने और ऐलान करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली।
Written by: दीप्‍त‍िमान तिवारी
नई दिल्ली | June 25, 2024 22:17 IST
के सुरेश और ओम बिरला। (इमेज-पीटीआई)
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Lok Sabha Speaker: 18वीं लोकसभा के लोकसभा स्पीकर पद के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया ने के सुरेश को उम्मीदवार बनाया है। लेकिन इस फैसले के बाद ऐसा लग रहा है कि इस फैसले के बाद विपक्षी खेमे में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। टीएमसी और कांग्रेस के बीच फिर से अनबन देखने को मिल रही है। तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन देने के बारे में उनसे सलाह नहीं ली गई।

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि उसने अपने सांसद के. सुरेश को भाजपा के ओम बिरला के खिलाफ अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाने का ऐलान करने से पहले टीएमसी को फोन किया था। लोकसभा स्पीकर का चुनाव बुधवार को होना है। इसमें एनडीए ने फिर से ओम बिरला को ही अपना उम्मीदवार बनाया है और इंडिया अलायंस ने सुरेश को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पहले सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने को लेकर भी काफी जोर दिया था।

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हमसे नहीं ली कोई भी सलाह- टीएमसी

दोपहर को के सुरेश ने नामांकन दाखिल किया था। इसके बाद टीएमसी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने फैसला लेने और ऐलान करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली। इन सब के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या टीएमसी बुधवार को के सुरेश के लिए वोट करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल में अपने दम पर 29 सीटें जीतीं। हम उस समय इंडिया अलायंस का हिस्सा नहीं थे। इसलिए राहुल गांधी को हमसे सलाह लिए बिना ऐलान नहीं करना चाहिए था। हम आपके फैसले के बाद लाइन में आने के लिए यहां नहीं हैं।

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी स्पीकर पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए बिल्कुल भी सहमत नहीं है। पार्टी का मानना है कि इससे विपक्षी दलों के सांसदों की कम संख्या भी सामने आएगी और इंडिया अलायंस की कमजोरियां भी दिखाई देंगी। सिर्फ इंडिया अलांयस ही नहीं है जो टीएमसी का समर्थन लेने की कोशिश में लगा हुआ है। एनडीए ने भी ममता से संपर्क किया है। सूत्रों के बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार दोपहर ममता बनर्जी को फोन किया और उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की। टीएमसी के एक नेता ने कहा कि दोनों ने स्पीकर के मुद्दे पर बात की।

कांग्रेस ने टीएमसी को किया था फोन

कांग्रेस के टीएसमी की मुखिया को फोन करने के मामले पर टीएमसी के नेता ने कहा कि कॉल सुबह 11.50 बजे के आसपास आई थी। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही कम टाइम की जानकारी है। अगर आप मुझे अपनी बेटी की शादी में आमंत्रित करना चाहते हैं, तो आप शादी की सुबह मुझे डिनर पर आने के लिए नहीं बुला सकते। पश्चिम बंगाल के टीएमसी नेताओं ने कांग्रेस के इस एकतरफा फैसले की आलोचना की और कहा कि पार्टी की चीफ ममता बनर्जी काफी नाराज हैं। सीएम के एक करीबी सूत्र ने कहा कि वह हैरान हैं और उन्हें उम्मीद थी कि विपक्षी दल उनसे इन नामों पर चर्चा करेंगे।

एक पार्टी नेता ने कहा कि दूसरे गठबंधन के सहयोगी भी उम्मीदवारों के नाम सामने ला सकते थे और चर्चा के आधार पर नाम को फाइनल कर सकते थे। हालांकि, सुलह का रास्ता बंद नहीं हो सकता। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने दोपहर में संसद भवन में सभी पार्टी सांसदों की बैठक की और सूत्रों ने बताया कि स्पीकर के मुद्दे पर चर्चा की गई। ममता के साथ सलाह करने के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा।

राहुल गांधी अभिषेक बनर्जी से मिले

राहुल ने लोकसभा के अंदर अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की। इसमे वे अभिषेक को कुछ समझाते हुए नजर आए। इसके जवाब में अभिषेक ने बिना कुछ कहे सिर हिला दिया। कांग्रेस नेता भी अभिषेक के साथ कुछ देर के लिए थे। वहीं, समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी अभिषेक बनर्जी से बात की। सपा मुखिया ने यह बात उस की जब वह अपनी डेस्क पर जा रहे थे।

सूत्रों ने बताया कि अभिषेक ने बाद में ममता को टीएमसी सांसदों के साथ हुई बैठकों और लोकसभा में राहुल के साथ हुई चर्चा के बारे में जानकारी दी। अगर टीएमसी स्पीकर के मुद्दे पर एनडीए के साथ वोट करने या वोटिंग से दूर रहने का फैसला करती है, तो इंडिया अलायंस की ताकत घटकर 207 सांसदों तक रह जाएगी। एनडीए के पास लोकसभा में 293 सांसद हैं। इनमें से बीजेपी के 240 सांसद है। वहीं, इंडिया अलायंस के पास टीएमसी को मिलाकर 231 सीटें हैं। इसमें तीन निर्दलीय भी शामिल हैं।

इसके अलावा 13 निर्दलीय या किसी भी अलायंस में शामिल दल हैं। मंगलवार को वाईएसआरसीपी ने कहा कि वह स्पीकर पद के मामले में भाजपा के साथ वोट करेगी। यह पहली बार नहीं है जब इंडिया को नाराज टीएमसी की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ममता बनर्जी की टीएमसी ने पहले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग करने से परहेज किया था।

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