सपा-कांग्रेस सांसदों सहित इन 7 ने अब तक नहीं ली शपथ, इसके बिना लोकसभा स्पीकर चुनाव में नहीं ले सकेंगे हिस्सा
Lok Saba MPs Oath: 18वीं लोकसभा के संसद सत्र का आज दूसरा दिन था। दो दिन चुने गए सांसदों को लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई। राहुल गांधी, अखिलेश यादव से लेकर गिरिराज सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं ने सांसद पद की शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब और उनके सहयोगी पीठासीन अधिकारियों ने लोकसभा के सांसदों को शपथ दिलाई। हालांकि, अभी भी 7 एमपी ऐसे बचे हुए हैं जिन्होंने शपथ नहीं ली है। इनमें कांग्रेस, सपा और टीएमसी जैसी पार्टियां भी शामिल है। ऐसे में यह सभी लोकसभा स्पीकर के चुनाव में वोट नहीं डाल सकेंगे।
जिन सात सांसदों ने शपथ नहीं ली है। उनमें कांग्रेस पार्टी के सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी, शत्रुघ्न सिन्हा और हाजी नूरुल इस्लाम का नाम शामिल है। इनके अलावा बारामूला संसदीय सीट से निर्दलीय जीता सांसद इंजीनियर राशिद और खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीता अमृतपाल का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
अफजाल अंसारी को नहीं दिलाई गई शपथ
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से लोकसभा सांसद चुने गए अफजाल अंसारी को संसद में मंगलवार को शपथ नहीं दिलाई गई। कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शपथ नहीं दिलाई गई। समाजवादी पार्टी के सांसद ने फैसला किया है कि वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।
अमृतपाल सिंह डिब्रूगढ़ जेल में बंद
अमृतपाल सिंह नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल के वकील गुरप्रीत सिंह संधू ने बताया कि उन्होंने अमृतसर में जिला मजिस्ट्रेट के पास सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए एक अर्जी दी थी। लेकिन इसके बारे में कोई भी जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि अगर संसद सत्र के दौरान अमृतपाल को शपथ नहीं दिलाई गई तो वे पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
इंजीनियर राशिद को भी नहीं मिली जमानत
बारामूला लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद राशिद ने संसद में सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी। हालांकि, पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले को 1 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
बुधवार को होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव
26 जून यानी बुधवार को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा। विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए के सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए ने ओम बिरला पर फिर से भरोसा जताया है। अब तक सर्वसम्मति से चुने जाने वाले लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आजादी के बाद यह पहला चुनाव होगा।