'शर्तों के आधार पर लोकतंत्र चलाना चाहते हैं, दबाव में राजनीति करना चाहते हैं', लोकसभा स्पीकर पद पर जानिए अब तक क्या-क्या हुआ
Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा चुनाव के सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव काफी ज्यादा है। 18वीं लोकसभा के स्पीकर को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कोई सहमति न बन सकी। विपक्षी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस सांसद के सुरेश ने नामांकन दाखिल कर दावा ठोक दिया, जबकि एनडीए की तरफ से बीजेपी सांसद ओम बिरला ने अपना नामांकन दाखिल किया। ऐसे में भारत के संसदीय इतिहास में पहली बार स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष की तरफ से कहा गया कि शर्तों के आधार पर लोकतंत्र नहीं चल सकता है। इसको लेकर तीखी बयानबाजी देखने को मिली है।
स्पीकर के मुद्दे पर टकराव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज अखबार में लिखा है कि पीएम मोदी ने कहा है कि विपक्ष को सरकार के साथ रचनात्मक सहयोग करना चाहिए। राजनाथ सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया और उन्होंने उनसे स्पीकर को समर्थन देने को कहा। पूरे विपक्ष ने कहा कि हम स्पीकर का समर्थन करेंगे लेकिन परंपरा यह है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे से इस पर बात करेंगे, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है।
राहुल ने पीएम मोदी पर लगाया अपमान का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी विपक्ष से सहयोग मांग रहे हैं लेकिन हमारे नेता का अपमान हो रहा है। इस मुद्दे पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे बेहद वरिष्ठ नेता हैं, मैं उनसे इस मुद्दे पर कल से आज तक, तीन बार बातचीत कर चुका हूं।
वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि स्पीकर की स्थिति पर बात करने के लिए केसी वेणुगोपाल और टीआर बालू आए थे। उन्होंने रक्षा मंत्री से बात की। रक्षा मंत्री ने एनडीए की तरफ से लोकसभा स्पीकर उम्मीदवार के बारे में जानकारी दी और समर्थन मांगा।
'शर्तों आधार पर चलाना चाहते हैं लोकतंत्र'
राजनाथ सिंह और केसीवेणुगोपाल की बातचीत का जिक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि वेणुगोपाल कह रहे थे कि डिप्टी स्पीकर का नाम स्वीकार किया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब चुनाव आएगा, तो हम मिल बैठकर चर्चा करेंगे लेकिन वे अपनी शर्त पर अड़े रहे। ललन सिंह ने कहा कि शर्तों के आधार पर वो लोकतंत्र चलाना चाहते हैं, दबाव की राजनीति करना चाहते है, लोकतंत्र में ये नहीं चलता"
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों का भी जिक्र किया। जिसमें राजू ने कहा था कि निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इतने दस्तावेज पढ़ना संभव नहीं था। हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित थी और यह दर्शाती है कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर अपना ध्यान नहीं दिया।
केसी वेणुगोपाल ने याद दिलाई परंपरा
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने इस मुद्दे पर कहा कि हम अभी भी इंतजार कर रहे हैं, अगर वे उपसभापति का पद देने के लिए तैयार हैं, तो हम सर्वसम्मति से एनडीए के उम्मीदवार का चुनाव करने के लिए तैयार हैं। कल पीएम मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू संचालन के लिए सर्वसम्मति की बात कही थी। हम सरकार की ओर से सुझाए गए अध्यक्ष का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे विपक्ष का भी सम्मान करें।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमने पिछले कुछ सालों से देखा है कि अध्यक्ष सरकार की ओर से और उपाध्यक्ष विपक्ष की ओर से होते हैं। जब UPA सत्ता में थी, तो हमने 10 साल के लिए एनडीए को उपाध्यक्ष दिया था। लोकसभा में परंपरा यह है कि लोकसभा का उपाध्यक्ष विपक्ष को दिया जाता है। राजनाथ सिंह ने कल मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम आपके उम्मीदवार का समर्थन करने में प्रसन्न हैं, लेकिन हम उपाध्यक्ष का पद चाहते हैं, जिस पर राजनाथ सिंह ने उनसे कहा कि हम पीएम मोदी से सलाह लेंगे और फिर जवाब देंगे, लेकिन जवाब नहीं दिया गया।
के.सुरेश ने किया है नामांकन
विपक्षी गठबंधन की ओर से के. सुरेश को लोकसभा पद के लिए मैदान में उतारने पर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सुबह राजनाथ सिंह जी मल्लिकार्जुन खड़गे जी से चर्चा करना चाहते थे लेकिन वो व्यस्त थे, इसलिए उन्होंने कहा कि वेणुगोपाल जी आपसे बात करेंगे।, लेकिन टीआर बालू और केसी वेणुगोपाल जी से बात करने के बाद पुरानी मानसिकता पर उतारू हो गए। उनका कहना था कि हम शर्तें तय करेंगे, फिर से दिखाई दी कि शर्त ये है कि पहले तय हो कि लोकसभा का उपाध्यक्ष कौन होगा और फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन दिया जाएगा, हम इस तरह की राजनीति की निंदा करते हैं।
'संख्या बल हमारे पास, चुनाव लड़ रहा है विपक्ष'
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज हमें स्पीकर पद के लिए प्रस्ताव पेश करना था। राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विपक्ष के नेताओं से बातचीत की, लेकिन उन्होंने स्पीकर के लिए हमारे उम्मीदवार का समर्थन करने की शर्त रखी। जब उन्होंने डिप्टी स्पीकर पद का मुद्दा उठाया, तो राजनाथ सिंह ने कहा कि जब डिप्टी स्पीकर का फैसला हो जाएगा, तब वे फिर से चर्चा करेंगे। इसके बावजूद वे हमारे खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहे हैं, हालांकि हमारे पर पूरा संख्या बल मौजूद है। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं विपक्ष के नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और सर्वसम्मति से स्पीकर चुनने के लिए समर्थन दें।