Haryana Assembly Election: लोकसभा नतीजे बता रहें हरियाणा में बीजेपी-कांग्रेस को बहुमत मुश्किल, लेकिन इंडिया गठबंधन बना सकता सरकार; जानें कैसे
भाजपा और कांग्रेस ने इस साल अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा की 10 सीटों के लोकसभा नतीजे बताते हैं कि दोनों प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं। विधानसभा स्तर पर मतदान के आंकड़ों से पता चलता है कि यदि हरियाणा में आज चुनाव होते, तो त्रिशंकु विधानसभा होता, लेकिन विपक्षी इंडिया गठबंधन सीटों की संख्या के लिहाज से आगे रहेगा।
बीजेपी जीत पाई केवल 5 सीट
2019 के लोकसभा चुनावों में हरियाणा की सभी 10 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार केवल 5 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। बची 5 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। वोट शेयर के मामले में भाजपा की हिस्सेदारी 2019 में 58.21% से गिरकर 46.11% हो गई, जबकि कांग्रेस 28.51% से बढ़कर 43.67% हो गई।
आम आदमी पार्टी (AAP) जो कि इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, वह एक सीट (कुरुक्षेत्र) पर चुनाव लड़ रही थी लेकिन हार गई। हालांकि पिछली बार तीन सीटों की तुलना में इस बार सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने के बावजूद AAP ने अपना वोट शेयर 0.36% से बढ़ाकर 3.94% कर लिया।
क्षेत्रीय दलों में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाले गुट जननायक जनता पार्टी (JJP) ने क्रमशः 1.74% और 0.87% वोट शेयर के साथ इस बार भी कोई सीट नहीं जीती। 2019 में इन पार्टियों ने क्रमशः 1.9% और 4.9% वोट शेयर हासिल किए थे।
जानें कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर आगे
विधानसभा क्षेत्र स्तर पर भाजपा ने हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 44 सीटों पर बढ़त हासिल की। जबकि कांग्रेस ने 42 सीटों पर बढ़त हासिल की और बाकी चार सीटों पर AAP आगे थी। जेजेपी और INLD को किसी भी विधानसभा क्षेत्र में बढ़त नहीं मिली। यदि आज विधानसभा चुनाव होते हैं, तो हालिया लोकसभा चुनावों के नतीजे संकेत देंगे कि भाजपा 46 सीटों के बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएगी। हालांकि कांग्रेस और AAP की सीटें मिलाकर बहुमत हासिल कर लेंगी और सरकार भी बना सकती हैं।
2019 में भाजपा ने सात लोकसभा सीटों में से हर विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी। जबकि इस बार पार्टी केवल एक लोकसभा सीट (करनाल) में सभी सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बीजेपी उम्मीदवार थे।
दूसरी ओर कांग्रेस ने रोहतक और सिरसा सीटों के हर विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की। पूर्व सीएम भूपिंदर हुड्डा के बेटे और तीन बार के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने रोहतक से जीत हासिल की, वहीं सिरसा में पार्टी की उम्मीदवार शैलजा थीं।
हरियाणा उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन था और चुनाव प्रचार के दौरान जमीन पर समन्वय था। यदि विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन और उसकी लोकसभा सीटों की संख्या बरकरार रहीं, तो इस साल के अंत में उसके पास हरियाणा में सरकार बनाने का एक मजबूत मौका होगा।
जानें क्या थे 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
2019 के विधानसभा चुनावों के नतीजों में त्रिशंकु सदन सामने आया था और कोई भी पार्टी बहुमत के आंकड़े को पार नहीं कर पाई थी। बीजेपी ने 36.49% वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस ने 28.08% वोट शेयर के साथ 31 सीटें जीती थीं। जेजेपी 14.80% वोट शेयर के साथ 10 सीटों के साथ किंगमेकर के रूप में उभरी और पार्टी ने सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ चुनाव के बाद गठबंधन किया। हालांकि भाजपा ने मार्च में जेजेपी से नाता तोड़ लिया लेकिन निर्दलियों के समर्थन से सरकार में बनी रही। इनेलो ने 2.44% वोट शेयर के साथ सिर्फ एक सीट जीती थी और बाकी सात सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं।