ओडिशा में पीएम मोदी राह पर सीएम नवीन पटनायक, ऐसे दे रहे बीजेपी को चुनौती
Lok Sabha Elections: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विज़न 2047' की राह पर चलते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को 2036 तक ओडिशा को एक "विकसित राज्य" बनाने की कसम खाई। पटनायक ने यह बात अपने गृह क्षेत्र हिंजिली से आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए अपना अभियान शुरू करने के दौरान कही।
बीजू जनता दल (बीजेडी) के लिए रिकॉर्ड छठी बार कार्यकाल की मांग कर रहे पटनायक ने कहा, "जब राज्य 2036 तक अपने गठन के 100 साल पूरे कर लेगा, तो यह देश में नंबर एक होगा।"
केंद्र और राज्य में एक ही सरकार के भाजपा के "डबल इंजन" कथन का मुकाबला करने के लिए, पटनायक ने मतदाताओं से "जोड़ी शंख" (डबल शंख) को आशीर्वाद देने की अपील की - एक लोकसभा के लिए और दूसरा विधानसभा चुनावों के लिए। बता दें, शंख बीजद का चुनाव चिह्न है।
पिछले 10 वर्षों में ओडिशा में भाजपा की बढ़त को देखते हुए अधिकतम लोकसभा सीटें जीतने के लिए पटनायक की कोशिश महत्वपूर्ण है। 2019 में भाजपा ने अपनी लोकसभा सीटों को 2014 की सिर्फ एक सीट से बढ़ाकर आठ कर लिया, जबकि बीजद की संख्या 20 से घटकर सिर्फ 12 सीटें रह गई। राज्य में 21 लोकसभा सीटें हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'बीजेपी को लगभग सभी लोकसभा सीटों पर बीजेडी को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है। 2019 में कई निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित मतदान हुआ, क्योंकि मतदाताओं ने लोकसभा के लिए भाजपा और विधानसभा के लिए बीजद को चुना। लेकिन अगर लोकसभा चुनावों में बीजेपी का रुझान विधानसभा चुनावों में दिखता है, तो बीजेडी मुश्किल में पड़ जाएगी,''
इसके अलावा, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में अपनी संख्या के कारण बीजद हमेशा नई दिल्ली में "सौदेबाजी" करने में सक्षम रही है, नेता ने कहा, उनका लक्ष्य विधानसभा में कम से कम तीन-चौथाई सीटें जीतना है।
दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने चुनाव से पहले गठबंधन पर कई दौर की चर्चा की थी, लेकिन बातचीत अंततः विफल हो गई।
पटनायक का गृह क्षेत्र हिन्जिली अस्का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, जहां उन्होंने 1997 में अपने पिता बीजू पटनायक की मृत्यु के बाद अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। पिछले दो दशकों से यह बीजद का किला रहा है, और तब से पटनायक इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ओडिशा में 13 मई से 1 जून के बीच चार चरणों में चुनाव होंगे और हिन्जिली में 20 मई को मतदान होगा।
हालांकि, उन्होंने राज्य के विकास को रोकने की कोशिश करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की, लेकिन पटनायक ने किसी भी भाजपा केंद्रीय नेता का नाम लेने से परहेज किया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, बीजद, जो 2019 तक राज्य के प्रति “केंद्रीय उपेक्षा” का मुद्दा उठाती थी, उसने इस मुद्दे को शांत कर दिया है।
इस बीच, भाजपा ने पिछले 25 वर्षों में "बीजद सरकार की विफलताओं" को उजागर करते हुए एक "चार्जशीट" जारी करते हुए, पटनायक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी इस अभियान को बढ़ाने के लिए गांवों में छोटी-छोटी बैठकें भी आयोजित करेगी।
(सुजीत बिसोयी की रिपोर्ट)