'हमारे पास भी कई अहम जानकारियां हैं, सही समय आने पर…', हेमंत करकरे को लेकर जुबानी जंग के बीच बोले उज्ज्वल निकम
Ujjwal Nikam Controversy: महाराष्ट्र की राजनीति में कसाब और करकरे चुनावी मुद्दा बने गए हैं। कांग्रेस के एक नेता ने हेमंत करकरे की मौत पर सवाल खड़ें किए हैं, तो वहीं बीजेपी के एक नेता ने कसाब को जेल में बिरयानी मिलने का दावा किया है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच अब मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार उज्जवल निकम ने कहा कि विपक्ष के दूसरे दल इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी मर्जी से जो चाहें बोलें।
निकम ने एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या को लेकर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान पर कहा कि हम इंतजार कर रहे हैं कि ऐसे और कितने झूठ सामने आएंगे। हमारे पास भी ऐसी कई विस्फोटक सामग्री है। हम सही समय आने पर इसका खुलासा करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे ही लोग बयानबाजी कर रहे हैं। इससे आपकी ही छवि खराब होगी। निकम ने कहा कि मेरे नामांकन के बाद बयानबाजी की जा रही है।
कांग्रेस नेता ने क्या लगाए आरोप
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने यह दावा करके हलचल मचा दी है कि पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या अजमल कसाब ने नहीं, बल्कि आरएसएस की ओर झुकाव वाले एक पुलिसकर्मी ने की थी और उज्ज्वल निकम ने इस तथ्य को छुपाया और इसलिए वह देशद्रोही हैं। मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे निकम 26/11 मामले में सरकारी वकील थे। वडेट्टीवार ने दावा किया कि 26/11 को कसाब ने हेमंत करकरे को गोली नहीं मारी थी। आरएसएस के निर्देश पर एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें गोली मारी थी। सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को यह पता था, फिर भी उन्होंने इस तथ्य को छिपाना चुना।
देवेंद्र फडणवीस ने दी प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष अजमल कसाब को लेकर चिंतित है और निकम को निशाना बनाकर आतंकवादियों का समर्थन करना चाहता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार के बयान से ऐसा लगता है कि उज्जवल निकम ने कसाब का अपमान किया था। जिस कसाब ने पूरे मुंबई शहर को आतंकित कर दिया था उसे लेकर कांग्रेस ज्यादा चिंतित नजर आ रही है। उन्होंने आगे कहा कि महायुति निकम का समर्थन कर रही है और एमवीए कसाब का समर्थन कर रही है। अब लोगों को तय करना चाहिए कि आपको किसको वोट देना है।
क्यों उठा कसाब को बिरायानी परोसने का मुद्दा
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के 10 आतंकियों ने मुंबई में आतंकी हमले करके तबाही मचा दी थी। इस हमले के बाद अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। नवंबर 2012 में फांसी दिए जाने से पहले कसाब को करीब चार सालों तक मुंबई पुलिस की हिरासत में रखा गया था। उस समय इस मामले के सरकारी वकील ने उज्ज्वल निकम ने कहा था कि कसाब को जेल में बिरयानी दी गई थी। हालांकि, बाद में वे स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुकर गए थे। निकम ने मीडिया के सामने स्वीकार किया कि कसाब ने कभी जेल में बंद होने के दौरान बिरयानी नहीं मांगी थी और ना ही सरकार ने उसे कभी बिरयानी परोसी। मैंने यह कहानी पूरी तरह से मुकदमे के दौरान कसाब को लेकर लोगों में पैदा हो रही सहानुभूति को दूर करने के लिए अपने मन में गढ़ी थी।