कुवैत: बिना देरी के परिजनों तक पहुंचेंगे भारतीय मजदूरों के शव, वायुसेना का हरक्यूलिस विमान रवाना
कुवैत में आग लगने की घटना में 45 भारतीय मजदूरों की जान चली गई। जान गंवाने वाले मजदूरों के शवों को वापस लाने के लिए दिल्ली के हिंडन एयरबेस से भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान कुवैत रवाना हो गया है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि भारतीय वायु सेना का हरक्यूलिस विमान कुवैत के लिए रवाना हो गया है और कल वापसी की उम्मीद है।
विदेश राज्य मंत्री भी कुवैत में मौजूद
कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने भी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को मारे गए भारतीयों के शवों की शीघ्र वतन वापसी का आश्वासन दिया है। विदेश मंत्री अब्दुल्ला ने दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि चिकित्सा देखभाल और घटना की जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत में विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली से मुलाकात की। विदेश मंत्री ने दुखद घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने चिकित्सा देखभाल, शवों की शीघ्र स्वदेश वापसी और घटना की जांच सहित पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।"
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत के मुबारक अल कबीर अस्पताल का भी दौरा किया, जहां आग लगने की घटना में घायल हुए सात भारतीयों का इलाज चल रहा है। उन्होंने उनका कुशलक्षेम जाना और उन्हें भारत सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया।
क्यों खास है हरक्यूलिस विमान?
सुपर हरक्यूलिस विमान को इसलिए चुना गया है, क्योंकि यह 19 टन वजन उठा सकता है। साथ ही हरक्यूलिस विमान बिना बड़े रनवे से छोटी उड़ान भरने और लैंडिंग करने में सक्षम है। यह बहुत छोटे रनवे पर भी उतार सकता है। इसके अलावा यह विमान ऊबड़ खाबड़ जमीन पर भी लैंड करने में सक्षम है। हरक्यूलिस विमान 643 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और एक बार में करीब 7000 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है। कुवैत से भारत की दूरी करीब 5100 किलोमीटर है। ऐसे में देखे तो विमान एक बार में ही कुवैत जा सकता है।