जिस कंपनी में पिता ने किया काम, वहीं से निकली बेटे की अर्थी, कुवैत अग्निकांड की दर्दनाक दास्तां
कुवैत की एक इमारत में बुधवार की सुबह आग लग गई, जिससे 49 लोगों की मौत हो गई और 30 के करीब घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक मरने वालों में 40 भारतीय शामिल हैं। जिन लोगों की पहचान हो सकी है उनमें अधिकतर केरल के रहने वाले थे। मरने वालों में कई युवा भी शामिल हैं। 27 वर्षीय श्रीहरि प्रदीप की भी मौत हो गई है।
पिछले हफ्ते ही 27 वर्षीय श्रीहरि प्रदीप ने उस कंपनी में अपनी पहली नौकरी शुरू की, जहां उनके पिता एक दशक से काम कर रहे हैं। प्रदीप केरल से थे और मैकेनिकल इंजीनियर थे। श्रीहरि सिर्फ पांच दिन पहले ही कंपनी से जुड़े थे।
केरल सरकार के अनुसार आग में मरने वाले 49 लोगों में से लगभग 40 भारतीय थे और उनमें से करीब 24 केरल से थे। श्रीहरि के पिता प्रदीप आग वाली बिल्डिंग से तीन इमारत की दूरी पर रहते थे और गुरुवार की सुबह उन्होंने अस्पताल के मुर्दाघर में अपने बेटे की पहचान की। बुधवार को पूरे केरल के कोट्टायम जिले के इथिथानम में उनका परिवार प्रार्थना कर रहा था कि श्रीहरि जीवित मिल जाएं।
इथिथानम में परिवार की पड़ोसी शैलजा सोमन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा: “बुधवार को जब घटना हुई, तब श्रीहरी के पिता प्रदीप उस अपार्टमेंट में पहुंचे जहां उनका बेटा रह रहा था। आग लगने और सुरक्षाकर्मियों की चेतावनी के कारण वह अंदर नहीं जा सके। तभी किसी ने प्रदीप को बताया कि श्रीहरि घायल हो गए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है।"
शैलजा सोमन ने आगे बताया, "बुधवार पूरे दिन प्रदीप अपने बेटे की तलाश में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक दौड़ते रहे। आखिरकार अस्पताल के एक स्टाफ सदस्य ने श्रीहरि की आइडेंटिटी और उनकी दोनों कलाइयों पर टैटू था। इसके बाद स्टाफ सदस्य प्रदीप को मुर्दाघर ले गया, जहां उन्होंने बेटे के शव की पहचान की। पड़ोसी के मुताबिक श्रीहरि जले नहीं थे, बल्कि धुएं के कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई।"
प्रदीप ने लगभग एक दशक तक एनबीटीसी के लिए काम किया है और उनकी पत्नी दीपा एक हाउसवाइफ हैं। श्रीहरि के अलावा प्रदीप के दो और बेटे हैं। अर्जुन हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम करता है और दूसरा बेटा आनंद रिटेल सेक्टर में काम करता है।