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कुवैत आग हादसा : सात मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर रखे थे दो दर्जन सिलेंडर, छत का दरवाजा था लॉक, लापरवाही के कई खुलासे

सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि जिस सात मंजिला इमारत में आग लगी उसके ग्राउंड फ्लोर पर करीब दो दर्जन गैस सिलेंडर रखे हुए थे। छत पर लगे दरवाजे बंद थे। प्लास्टिक, कार्डबोर्ड और ऐसे सामान तंग कमरों में जमा दे जो आसानी से आग पकड़ सकते हैं।
Written by: ईएनएस | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: June 14, 2024 08:00 IST
कुवैत आग हादसा   सात मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर रखे थे दो दर्जन सिलेंडर  छत का दरवाजा था लॉक  लापरवाही के कई खुलासे
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत के एक अस्पताल में घायल भारतीय से मुलाकात की (Photo : PTI)
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कुवैत की इमारत में लगी आग से 45 भारतीयों की मौत हो गई थी। अब इस मामले में लापरवाही से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। शुरुआती जांच में गंभीर खामियां निकलकर सामने आई हैं। इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि जिस सात मंजिला इमारत में आग लगी उसके ग्राउंड फ्लोर पर करीब दो दर्जन गैस सिलेंडर रखे हुए थे। छत पर लगे दरवाजे बंद थे। प्लास्टिक, कार्डबोर्ड और ऐसे सामान तंग कमरों में जमा थे जो आसानी से आग पकड़ सकते हैं।

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ऐसी तमाम जानकारी भारतीय दूतावास के अधिकारियों की आग की घटना में बचे हुए लोगों से मुलाकात के बाद सामने आई हैं। इसके अलावा कुवैत प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है।

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क्या नई जानकारी है?

कुवैती अधिकारियों के मुताबिक 49 मृतकों में से 45 की पहचान भारतीयों और तीन फिलीपींस के लोगों के तौर पर हुई है। एक शव की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है। इमारत कुवैत शहर के दक्षिण में मौजूद है जहां तकरीबन 196 प्रवासी मजदूर रहते थे।

राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत में भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका के साथ कुछ ज़िंदा बचे लोगों और कुवैती सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। फिलहाल आग लगने के कारण साफ नहीं हो सके हैं लेकिन एक कारण शॉर्ट-सर्किट लग रहा है, जिससे ग्राउंड फ्लोर पर रखे दो दर्जन गैस सिलेंडर में आग लगी होगी और फिर आग बढ़ गई होगी।

ऐसा माना जा रहा है कि आग के तेजी से फैलने के कई कारण थे। जिनमें से एक कारण तंग कमरे और कम जगह में ज्यादा लोगों को एडजस्ट करने की कोशिश भी थी। कमरों में कई ऐसे सामान रखे थे जो आसानी से आग की चपेट में आ सकते थे। भीड़भाड़ वाले कमरों को अलग करने के लिए कार्डबोर्ड, कागज और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया था। इमारत के हर कमरे में एक दर्जन से ज्यादा लोग रह रहे थे।

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छत का दरवाजा बंद था

आग के तेजी से फैलने के बाद जब लोग छत की ओर भागे तो वहां दरवाजा लॉक था। कमरों में धुआं भरने लगा और मजदूरों के पास निकलने का कोई विकल्प नहीं बचा। इस इमारत को बनाए जाने में कुवैत के बिल्डिंग कोड का उल्लंघन किया गया था। जिससे आग बुझाने में काफी दिक्कत हुई। एक्स पर एक पोस्ट में भारतीय दूतावास ने कहा कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से मुलाकात की है।

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