scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

डेजर्ट कूलर, फ्रूट आइस बॉल्स, स्प्रिंकलर... जानें इस भीषण गर्मी में दिल्ली के चिड़ियाघर में क्या है व्यवस्था

चिड़ियाघर अस्पताल को आपात स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारी दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक विशेष रूप से सतर्क रहते हैं। पढ़िए सोफिया मैथ्यू की रिपोर्ट
Written by: ईएनएस | Edited By: Nitesh Dubey
नई दिल्ली | Updated: May 31, 2024 10:32 IST
डेजर्ट कूलर  फ्रूट आइस बॉल्स  स्प्रिंकलर    जानें इस भीषण गर्मी में दिल्ली के चिड़ियाघर में क्या है व्यवस्था
दिल्ली के चिड़ियाघर में करीब 1300 जानवर मौजूद हैं। (Express Photo by Amit Mehra)
Advertisement

दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस भीषण गर्मी में इंसान के साथ-साथ पशु-पक्षियों का भी बुरा हाल है। दिल्ली के चिड़ियाघर में पशु-पक्षियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस चिड़ियाघर में करीब 1300 जानवर मौजूद हैं। चिड़ियाघर के तालाब भरे हैं, हाथियों पर पानी छिड़का जा रहा है और स्प्रिंकलर की भी व्यवस्था की गई है।

Advertisement

जानवरों को हाइड्रेटेड रखने के लिए फ्रूट आइस बॉल्स के इंतजाम

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिजीत भवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "सभी जानवरों को उनकी प्रजातियों के अनुसार देखभाल की जाती है। गर्मियों में जानवर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। चिड़ियाघर जानवरों को हाइड्रेटेड रखने के लिए फलों के बर्फ के गोले (फ्रूट आइस बॉल्स) उपलब्ध करा रहा है। प्राइमेट और भालू हीटवेव के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। गर्मियों में जानवरों में पानी की कमी हो जाती है और वे सदमे, तनाव जैसी स्थिति में जा सकते हैं जिससे मृत्यु भी हो सकती है।"

Advertisement

मांसाहारियों के लिए आहार संबंधी उपायों पर अभिजीत भवाल ने कहा, "हम भोजन की मात्रा कम करते हैं और पानी का सेवन बढ़ाते हैं ताकि भोजन को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हल्का बनाया जा सके। हमारा मुख्य उद्देश्य जानवरों का संतुलन बनाए रखना है। उनके शरीर को शांत रखना है। मनुष्य पेड़ों और छाया की ओर भाग सकते हैं लेकिन चिड़ियाघर के जानवरों के लिए ये व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है।

नेशनल जूलॉजिकल सोसाइटी के निदेशक डॉ. संजीत कुमार के अनुसार, "अलग-अलग जानवरों की अलग-अलग ज़रूरतें होती हैं, जैसे तालाब और गीली मिट्टी और हम उन्हें यह सुनिश्चित कर रहे हैं। जानवरों को दिन में दो या तीन बार नहलाना जरूरी कर दिया गया है।" अधिकारियों ने कहा कि चोटों से निपटना एक और चुनौती है जिस पर अधिकारियों को ध्यान देना होगा क्योंकि गर्मियों के दौरान अंदरूनी कलह बढ़ जाती है।

वहीं डॉ. भवाल ने कहा, "इस मौसम में जानवरों को पेट खराब होने, झटका लगने और चोट लगने का खतरा रहता है।" चिड़ियाघर के अधिकारी तापमान रिकॉर्ड करने के लिए सभी बाड़ों में दीवार थर्मामीटर स्थापित कर रहे हैं।

Advertisement

अस्पताल के कर्मचारी भी रहते हैं अलर्ट पर

चिड़ियाघर अस्पताल को आपात स्थिति से निपटने के लिए कर्मचारी व्यस्त समय (दोपहर 12 बजे से 2 बजे) में विशेष रूप से सतर्क रहते हैं। इसके अलावा गर्मी के तनाव को कम करने के लिए जानवरों को बाड़ वाले खुले क्षेत्र में छोड़ दिया जाता है। एक अधिकारी ने कहा, "दो जानवरों के मामले में, एक को सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक छोड़ा जाता है जबकि दूसरे को दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक बाहर रखा जाता है।"

अन्य उपायों में चौबीसों घंटे चलने वाले रेगिस्तानी कूलर स्थापित करना और पूल की मरम्मत करना और वैकल्पिक दिनों में उनमें ताजा पानी सुनिश्चित करना शामिल है। इस बीच चिड़ियाघर में पर्यटकों का आना जारी है, जो अच्छी संख्या में पहुंच रहे हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पैकेज्ड वाटर, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और अन्य हाइड्रेटिंग खाद्य उत्पादों को भी बेचा जा रहा है। वहीं आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा, ओआरएस, ग्लूकोज आदि की भी व्यवस्था की गई है।"

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो