Reasi Terror Attack: दहशत ऐसी मरने का भी नाटक किया… किसी ने खोया पति, किसी ने गंवाया बच्चा, रुला देगी आपबीती
Reasi Terror Attack: रविवार को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण वाले दिन आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में तीर्थ यात्रियों से भरी बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें बस चालक समेत कई लोगों की जान चली गई। अपने बच्चों की मौत पर शोक मना रहे माता-पिता से लेकर आतंकियों की गोलीबारी से बचने के लिए मरे होने का नाटक करने वाले लोगो में अभी भी डर का माहौल बना हुआ है और उस दिन की भयावहता से बाहर निकलने के लिए काफी संघर्ष कर रहे हैं।
वे उत्तर प्रदेश , राजस्थान और दिल्ली समेत अलग-अलग राज्यों से थे और कटरा शहर के पास माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने के बाद रविवार की सुबह वे शिव खोरी के लिए बस में बैठे। शिव खोरी से कटरा लौटते समय उनकी बस को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया। रायसी के पास हुए हमले में 9 लोगों की जान चली गई और 38 लोग घायल हो गए।
यूपी के बलरामपुर जिले के संतोष कुमार वर्मा अपने परिवार के साथ बस में थे और ड्राइवर के पास वाली सीट पर बैठे थे। उन्होंने बताया कि बस रनसू से कुछ किलोमीटर ही आगे बढ़ी थी कि उन्होंने देखा कि नकाब पहने एक आतंकी सड़क के किनारे पर खड़ा है और बस ड्राइवर पर गोलियां चला रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकी को देखते ही देखते मेरे दिमाग में सबसे पहले यही बात आई कि हम बच नहीं पाएंगे। इससे पहले कि मैं कुछ और सोच पाता मैंने देखा कि ड्राइवर का सिर स्टीयरिंग व्हील पर गिर गया है और बस खाई में गिर गई है।
पांच मिनट तक गोली बरसाते रहे आतंकी
उत्तर प्रदेश के गोंडा क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल के टीचर देवी प्रसाद ने बताया कि बस के खाई में गिर जाने के बाद भी आतंकी सड़क से करीब पांच मिनट तक फायरिंग करते ही रहे। उन्होंने बताया कि हम बिना कोई हरकत किए जमीन पर पड़े रहे। जब तक आतंकी चले नहीं गए, हम मरने का नाटक करते रहे। इसके बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और मरने वाले लोगों और घायलों को खाई से निकालकर सड़क पर लाना शुरू किया। जल्द ही पुलिस और सुरक्षा बल भी मौके पर पहुंच गए।
रजत राम वर्मा ने अपना बेटा खोया
रजत राम वर्मा अपनी पत्नी और बेटे के साथ बस में पीछे वाली सीट पर पीछे बैठे थे। उन्होंने बताया कि उन्हें शुरू में लगा कि गोली चलने की आवाज गाड़ी में शॉर्ट सर्किट की वजह से आई है। फिर अचानक किसी ने चिल्लाकर कहा कि आतंकियों ने बस पर हमला बोल दिया है। मैंने तुरंत अपनी पत्नी और बेटे को सीट के नीचे धकेल दिया, लेकिन इससे पहले कि हम छिप पाते बस खाई में गिर गई और मेरा बेटा हमसे दूर चला गया। रजत राम को रियासी जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। वहीं, उनकी पत्नी शारदा देवी का कटरा में इलाज चल रहा है। मरने वाले लोगों में उनका बेटा अनुराग भी शामिल है।
वे यूपी के बलरामपुर जिले से 7 जून को कटरा पहुंचने वाले 14 लोगों के ग्रुप का हिस्सा थे। रजत के बहनोई संतोष कुमार वर्मा, उनकी पत्नी गीता देवी, बेटा शिव वर्मा, भाई दिनेश कुमार वर्मा और चचेरी बहन रूबी वर्मा भी 14 सदस्यों वाले ग्रुप का हिस्सा है। रूबी की रविवार को जान चली गई। रजत ने अपनी प्लानिंग के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे पास 12 जून की वापसी की ट्रेन टिकट थी, इसलिए हमने शिव खोरी जाने का फैसला किया और रविवार की सुबह कटरा में बस में सवार हो गए। हमने शिव खोरी से लौटने के बाद कटरा में रात रुकने और 10 जून को एक रिश्तेदार के यहां रहने के लिए जम्मू जाने की प्लानिंग की थी।
रूबी और अनुराग के अलावा, इस घटना में मरने वाले अन्य लोगों में जयपुर की रहने वाली पूजा साहनी, दो साल की किटू साहनी, राजिंदर प्रसाद साहनी और ममता साहनी और दिल्ली के मंडोली के रहने वाले सौरव गुप्ता भी शामिल थे। रियासी जिले के दसानू और कुंदरियां के बस ड्राईवर विजय कुमार और कंडक्टर अरुण कुमार भी आतंकवादी हमले में मारे गए। घायलों का रियासी, कटरा और जम्मू के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बस में सवार लगभग सभी ती र्थयात्री पहली बार शिव खोरी जा रहे थे। यूपी के गोंडा के एक प्राइवेट स्कूल के टीचर देवी प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमने सोशल मीडिया पर शिव खोरी मंदिर के वीडियो देखने के बाद वहां जाने की प्लानिंग की थी।