लक्षद्वीप में बढ़ेगी इंडियन नेवी की ताकत, पढ़ें भारत का नया Navy बेस आईएनएस जटायु क्यों मायने रखता है?
New Indian Navy Base: हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने और विरोधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप समूह में एक नया बेस आईएनएस जटायु तैयार किया है। इसे आज चालू किया जाएगा। कवरत्ती में आईएनएस द्वीपरक्षक के बाद आईएनएस जटायु लक्षद्वीप में भारत का दूसरा नेवी बेस होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के पीएम ने कुछ दिन पहले एक हवाई पट्टी और सेंट जेम्स सेतु का उद्घाटन किया था। इनका उद्घाटन करने के बाद अब आईएनएस जटायु को चालू किया जाएगा। इंडियन नेवी के जहाजों, बेस और टुकड़ियों के नाम के पहले आईएनएस लगा होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्षद्वीप में नेवी बेस के निर्माण के पीछे भारत के स्पष्ट उद्देश्य हैं। भारत अरब सागर में एक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
लक्षद्वीप द्वीप समूह
मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का नाम 'एक लाख द्वीप' है। यह द्वीप कोच्चि से करीब 440 किलोमीटर दूर स्थित है और 36 द्वीपों का एक द्वीप समूह है। इसका कुल क्षेत्रफल केवल 32 वर्ग किलोमीटर है। लक्षद्वीप हिंद महासागर में कोरलाइन द्वीपों की एक श्रृंखला का ही भाग है। इसमें दक्षिण में मालदीव और भूमध्य रेखा के दक्षिण में चागोस द्वीप समूह शामिल हैं। हिंद महासागर में अपनी स्थिति को देखते हुए, लक्षद्वीप भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत मायने रखता है। नौसेना बेस की स्थापना द्वीपों के विकास की दिशा में भारत सरकार का मुख्य फोकस है।
आईएनएस जटायु नेवी बेस
मिनिकॉय में नौसेना टुकड़ी जिसका संचालन नेवी के अधिकारी और प्रभारी के अधीन है, को आईएनएस को जटायु के रूप में चालू किया जाएगा। नेवी की टुकड़ी के पास प्रशासनिक, रसद और मेडिकल की सुविधाएं होती हैं। जटायु को हवाई क्षेत्र, आवास और कर्मियों के रहने जैसे बुनियादी ढांचों के साथ अपग्रेड किया जाएगा। हालांकि, सूत्रों की तरफ से कहा गया कि द्वीप पर कुछ निर्माण करने में कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है। लेकिन एक नया हवाई क्षेत्र बनाने की भी प्लानिंग की गई है, जो सेना और नागरिक दोनों तरह के विमानों का संचालन कर सकेगा।
हाल ही में सूचना मिली थी कि अरब सागर में नशीले पदार्थों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और इंडियन नेवी क्षेत्र में सक्रिय हैं। नशीली दवाओं का कारोबार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ज्यादा होता है। स्पीडबोट का इस्तेमाल करके भारत में ड्रग्स की तस्करी की जाती है। 27 फरवरी को, इंडियन नेवी के साथ मिलकर गुजरात से एक संदिग्ध जहाज को पकड़ा था। इससे 3,089 किलोग्राम चरस, 158 किलोग्राम मेथमफेटामाइन और 25 किलोग्राम मॉर्फिन भी जब्त किया गया। लक्षद्वीप में आईएनएस जटायु ऑपरेशन शुरू होने से भारत इन स्थितियों को खत्म करने में काफी हद तक कामयाब होगा।