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56% बीमारियों की जड़ अनहेल्दी डाइट, ICMR की स्टडी में बड़ा खुलासा, जारी की गाइडलाइन

एक संस्था ने नमक का सेवन सीमित मात्रा में करने और तेल का इस्तेमाल भी कम करने की सलाह दी है।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 10, 2024 12:32 IST
56  बीमारियों की जड़ अनहेल्दी डाइट  icmr की स्टडी में बड़ा खुलासा  जारी की गाइडलाइन
अनहेल्दी डाइट को लेकर आईसीएमआर ने जारी की रिपोर्ट। (इमेज-पीटीआई)
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ICMR Report On Diet: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के चीफ ने भारतीय लोगों के खानपान को लेकर गाइलाइन्स जारी की है। साथ ही, कहा कि हम सभी की आधी से ज्यादा बीमारियों की वजह हमारा गलत खानपान है। देश में 56.4 फीसदी बीमारियों की वजह अनहेल्दी डाइट ही है। ICMR और इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रीशियन के मुताबिक खराब खानपान की वजह से शरीर में पोषण की कमी, एनीमिया, मोटापा, डायबिटीज, कैंसर जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ा है।

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हेल्दी लाइफस्टाइल का पालन करके होने वाली मौतों को पहले से ही रोका जा सकता है। सुगर और फैट से भरे खाने वाली चीजों की खपत में बढ़ोतरी, कम योगा और शारिक रूप से गतिविधि और वजन की समस्या की वजह से स्थिति काफी खराब हो गई है।

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अनहेल्दी डाइट का बच्चों पर असर

बच्चे न्यूट्रिशन की कमी से जूझ रहे हैं। इसके साथ ही कई राज्यों में ज्यादा वजन, मोटापा, डायबिटीज के लक्षणों के बढ़ते जोखिम की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि अनहेल्दी, ज्यादा फैट, शुगर और नमक (High in Fat, Salt or Sugar foods) वाले फूड प्रोडक्ट अब हेल्दी फूड प्रोडक्ट्स के मुकाबले ज्यादा आसानी से बाजारों में उपलब्ध हैं। अनहेल्दी फूड के बारे में स्ट्रांग एडवर्टाइजमेंट और मार्केटिंग के कारण ये फूड प्रोडक्ट ज्यादा प्रसिद्ध हो गए हैं और यहीं उनमें बीमारी का कारण बन रहे हैं।

डाइट कैसी होनी चाहिए?

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक व्यक्ति को स्वास्थ्यमंद रहने के लिए दिनभर में 1,200 ग्राम भोजन जरूरी है। इससे उसे करीब 2,000 कैलोरी मिलती है। थाली में 100 ग्राम फल, 400 ग्राम हरी सब्जी, 300 मिली दूध या दही, 85 ग्राम दाल या अंडा, 35 ग्राम मेवा-बीज और 250 ग्राम अनाज का सेवन बहुत है। दिनभर में 27 ग्राम से ज्यादा चिकनाई लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मांसाहारी खाने में दिनभर में अधिकतम 70 ग्राम चिकन या मीट पर्याप्त है।

घी के मुकाबले सरसों का तेल फायदेमंद

हमारे आहार में तीन तरह का फैटी एसिड (FA) होता है जिसमें संतृप्त फैटी एसिड (SFA), मोनो असंतृप्त फैटी एसिड (MUFA) और पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) शामिल है। संतृप्त वसा (SF) का ज्यादा सेवन करने से कैलोरी की मात्रा में इजाफा होता है। इससे दिल से जुड़ी बीमारी और फिर स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ट्रांस वसा (TF) काफी नुकसानदायक है। इनसे भी बचना चाहिए। घी, पाम ऑयल और नारियल तेल में संतृप्त फैटी एसिड (SFA) की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। वहीं, सरसों के तेल में यह सबसे कम पाया जाता है।

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